Rahul Gandhi Remarks During Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' की अगुवाई कर रहे पूर्व पार्टी प्रमुख और वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी के कई बयान चर्चा में हैं. ये बयान उन्होंने अपनी पदयात्रा के बीच या तो किसी सभा में या प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए हैं. राहुल के बयानों पर केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी से तीखी प्रतिक्रियाएं भी आईं और आ रही हैं. आइये जानते हैं कि राहुल गांधी के किन बयानों की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है.


शुक्रवार (16 दिसंबर) को राहुल गांधी ने जयपुर में भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होने के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इस दौरान तवांग झड़प का नाम लिए बिना उन्होंने भारत-चीन को लेकर बयान दिया, जिसमें सरकार को घेरा. राहुल गांधी ने कहा, ''जो चीन का खतरा है, मुझे स्पष्ट है और मैं इसे लेकर दो-तीन साल से कह रहा हूं लेकिन केंद्र सरकार उसे छिपाने की कोशिश कर रही है. सरकार उसे नजरअंदाज कर रही है लेकर उस खतरे को न तो छुपाया जा सकता है और न ही उसकी अनदेखी की जा सकती है.''


'तैयारी युद्ध की है, कोई घुसपैठ की नहीं'


राहुल ने आगे कहा, ''चीन की पूरी तैयारी चल रही है, चीन की लद्दाख की तरफ और अरुणाचल की तरफ पूरी आफेंसिव प्रिपेरेशन (युद्ध की तैयारी) चल रही है, हिंदुस्तान की सरकार सोई हुई है. हिन्दुस्तान की सरकार सुनना नहीं चाहती है लेकिन उनकी (चीन) तैयारी चल रही है, तैयारी युद्ध की है, तैयारी कोई घुसपैठ की नहीं.. तैयारी युद्ध की है.’’ बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने राहुल के बयान को देश विरोध करार दिया है और कहा कि उनका खून खौल उठा है.


बीजेपी-RSS 'जय सियाराम' नहीं बोलतीं


राजस्थान के दौसा जिले के बगड़ी गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी-आरएसएस को घेरा. उन्होंने आरोप लगया कि बीजेपी और आरएसएस में महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता है, उन्हें दबाया जाता है. 


राहुल ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस की ओर से 'जय श्रीराम' का नारा लगाया जाता है, वे 'जय सियाराम' का नारा नहीं लगाते हैं. राहुल ने कहा, ''मैं इनसे (बीजेपी-आरएसएस) पूछना चाहता हूं कि आप 'जय श्री राम' बोलते हैं, 'जय सिया राम' क्यों नहीं बोलते? आप सीता देवी को क्यों हटा देते हैं. इस तरह सीता देवी और देश की महिला का अपमान क्यों कर रहे हैं?''


ऐश्वर्या, अमिताभ और विराट को लेकर राहुल का बयान


जयपुर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने मीडिया पर आम आदमी को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत का ज्ञान आम आदमी के पास है. उन्होंने कहा, ''हम यात्रा के दौरान इन्हीं आम लोगों से मिल रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. आप (मीडिया) ऐश्वर्या राय,अमिताभ बच्चन और विराट कोहली के लिए लिखते हैं लेकिन आम आदमी के ज्ञान का कोई मुकाबला नहीं है, उसके प्यार का कोई मुकाबला नहीं है.''


'100 लोगों के लिए देश चलाया जाता है'


14 दिसंबर को राजस्थान के दौसा के बगड़ी में राहुल ने कहा, "देश के 100 सबसे रईस लोगों के पास इतनी दौलत है, जितनी भारत के 55 करोड़ लोगों के हाथों में है. देश का आधा धन केवल 100 लोगों के पास है और इन्हीं के लिए हिंदुस्तान चलाया जाता है." राहुल गांधी ने यह भी कहा कि चार-पांच लोग देश के महाराजा सरीखे हैं, जिनके इशारे पर सरकार, मीडिया, नौकरशाह और पीएम मोदी काम करते हैं. 


'मेरे लिए होती थी 24 घंटे वाह-वाह'


दिसंबर की शुरुआत में राहुल गांधी ने कहा था कि 2008-09 में जब वह सक्रिय राजनीति में उतरे तो 24 घंटे मीडिया में उनके लिए वाह-वाह होती थी लेकिन दो मुद्दे उठाने पर सबकुछ बदल गया. राहुल ने कहा कि वे दो मुद्दे- नियामगिरि और भट्टा पारसौल के थे. जमीन और गरीब लोगों के अधिकार का सवाल उठाया तो मीडिया ने उनके खिलाफ लिखना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा था कि वह आदिवासियों के लिए पैसा अधिनियम (PESA Act) और अन्य कानून लाए, इसके बाद मीडिया ने 24 घंटे खिलाफ में लिखना शुरू कर दिया.


बता दें कि नियामगिरी भूमि अधिग्रहण मामला ओडिशा से जुड़ा है. राहुल ने इसे अवैध बताते हुए इसका विरोध किया था. वहीं, उत्तर प्रदेश के भट्टा परसौल में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 2011 में किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध किया था. इसमें राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया था.


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