Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' जाएगी उत्तर प्रदेश, प्रियंका के शामिल नहीं होने से लगाए जा रहे थे ये कयास
Congress Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी ने कहा कि यूपी से भारत जोड़ो यात्रा करीब 5 दिन गुजरेगी. हालांकि, राहुल ने माना कि यूपी में और समय देना चाहिए था, लेकिन कहा कि इससे यात्रा का रूट प्रभावित होगा.
Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) को कांग्रेस के देश की सत्ता में वापसी की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए विलुप्ति की ओर बढ़ रही कांग्रेस (Congress) में नई जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रूटमैप में बदलाव के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि ये उत्तर प्रदेश (UP) नहीं जाएगी. राहुल गांधी ने अब इसे लेकर स्थिति साफ कर दी है. राहुल ने साफ किया कि भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में जाएगी.
राहुल गांधी ने कहा कि यूपी से भारत जोड़ो यात्रा करीब पांच दिन गुजरेगी. हालांकि, राहुल ने माना कि यूपी में और समय देना चाहिए था, लेकिन कहा कि इससे यात्रा का रूट प्रभावित होगा. दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा पहले राजस्थान से यूपी में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन बाद में रूट बदला गया और अब दिल्ली के बाद यूपी का रास्ता आएगा. इस बदलाव के कारण कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा यूपी नहीं जाएगी, जबकि प्रियंका गांधी वहां की प्रभारी हैं. कयासों को बल इसलिए भी मिला, क्योंकि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) अब तक इस यात्रा में शामिल नहीं हुई हैं.
यूपी कांग्रेस के नेता अनदेखी से नाराज
दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत से ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेता नाराज बताए जा रहे थे. उनकी नाराजगी की वजह उन्हें इस यात्रा का बारे में सूचित न करना और न ही शामिल होने के लिए निमंत्रण देना बताया गया था. चूंकि, प्रियंका गांधी यूपी कांग्रेस की महासचिव हैं, इसलिए उनकी टीम के सदस्यों ने इसकी शिकायत प्रियंका गांधी से भी की. यूपी कांग्रेस (UP Congress) के कई दिग्गज नेता एक बार फिर से नजरअंदाज किए जाने से नाराज चल रहे हैं.
यूपी को तव्वजो नहीं देने की वजह?
जानकारों की मानें तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में देश के सबसे बड़े सूबे को कम तव्वजो दिए जाने के पीछे की वजह कांग्रेस का यहां अपना राजनीतिक भविष्य नहीं देखना है. 1989 के बाद से कांग्रेस का यूपी में पतन जारी है. सालों तक केंद्र की सत्ता में काबिज रहने के बावजूद कांग्रेस यूपी में अपना कोर वोट बैंक नहीं जुटा पाई. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रियंका के जरिए यूपी में पार्टी को खड़ा करने की कोशिश की थी, लेकिन उसका ये दांव भी विफल हो गया.
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