नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कोरोना वायरस को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कोरोना संकट को लेकर सरकार पर कुछ सवाल उठाए और कुछ सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के जरिए हम कोरोना वायरस के संकट को हरा नहीं पाएंगे. ये सिर्फ एक PAUSE बटन की तरह काम कर रहा है.


टेस्टिंग बढ़ाई जानी चाहिए
राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोरोना को हराने का एक ही तरीका है कि इसकी टेस्टिंग बढ़ाई जाए. देश में रैंडम टेस्टिंग होनी चाहिए. देश में अब इमरजेंसी जैसे हालात है. एक जिले में औसतन सिर्फ 350 टेस्ट हो रहे हैं जो नाकाफी हैं.


टेस्टिंग की मौजूदा दर बेहद कम
राहुल गांधी ने कहा कि देश में टेस्टिंग की दर बहुत कम है और इसके चलते ही हमें कोरोना वायरस के मरीजों की सही संख्या के बारे में पता नहीं चल पा रहा है. जब देश से लॉकडाउन हटेगा तो कोरोना वायरस का खतरा और बढ़ेगा. हमें इस सच्चाई को समझना होगा.


राज्यों को और ताकत देनी चाहिए
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों को पैसा देना चाहिए और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को और ज्यादा ताकत देनी चाहिए. सरकार के पास गोदामों में अनाज भरा हुआ है और इसे सरकार को गरीबों को देना चाहिए.


अभी से कोरोना पर जीत का दावा ठीक नहीं
कोरोना संकट पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अभी से कोरोना से जीत का दावा करना ठीक नहीं है और अभी तो लड़ाई शुरू हुई है. सरकार को ये समझना होगा कि कोरोना वायरस के कारण देश में आगे चलकर खाद्यान्न की कमी होने वाली है, नौकरियों की भारी पैमाने पर कटौती होने वाली है. सरकार के पास इससे निपटने के लिए क्या प्लान है, इसकी कुछ जानकारी होनी चाहिए.


लोगों तक खाना कैसे पहुंचे, इसकी चिंता करे सरकार
राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोरोना संकट के कारण लोगों को खाना नहीं मिल पा रहा है जो कि सबसे जरूरी है. खाद्य सप्लाई एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है और इसी के लिए सरकार को अपने गोदाम गरीब लोगों के लिए खोल देने चाहिए. 10 किलो चावल और गेहूं, 1 किलो दाल, 1 किलो चीनी सरकार को हर हफ्ते गरीब लोगों को मुहैया कराना चाहिए. आज भी कई लोगों के पास राशन कार्ड तक नहीं है तो ऐसे लोगों के पास खाने पीने का सामान कैसे पहुंचे, इसकी सरकार को चिंता करनी चाहिए.


छोटे उद्योगों के लिए रणनीति तैयार हो
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का ये माइंडसेट होना चाहिए कि हम आखिर तक इस कोरोना वायरस के संकट से लड़ेंगे और जल्दबाजी में जीत का दावा नहीं होना चाहिए. कोविड-19 से राहत के लिए सिर्फ लॉकडाउन की नहीं बल्कि इसके बाद की स्थिति को सरकार कैसे संभालेगी, इसकी कोई रणनीति होनी चाहिए. छोटे उद्योंगो के लिए सरकार को किसी आर्थिक राहत पैकेज का एलान करना चाहिए.

ये समय पीएम मोदी से लड़ने का नहीं, कोरोना से लड़ने का है
राहुल गांधी ने कहा कि मैं कई बातों पर पीएम नरेंद्र मोदी से असहमत रहता हूं और आज भी हूं लेकिन ये समय आपसी मतभेदों का नहीं बल्कि कोरोना वायरस से मिलकर लड़ने का है. सरकार को हमारा सुझाव है कि वो इस समय हमारे द्वारा दिए जा रहे सुझावों पर भी ध्यान दें क्योंकि इस समय हम लोग भी कोरोना से लड़ाई में योगदान दे रहे हैं.

लोगों को डरने की जरूरत नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, भारत किसी भी महामारी से जीत सकता है लेकिन इस समय हमें एक होकर इस वायरस से लड़ना होगा. अगर हम लोग बंट गए तो वायरस जीत जाएगा लेकिन अगर हम मिलकर इसका सामना करें तो वायरस हार जाएगा. लोगों को डर है क्योंकि ऐसा लॉकडाउन का समय उन्होंने कभी नहीं देखा लेकिन लोगों को आश्वस्त रहना होगा कि उनका ये मुश्किल समय भी बीत जाएगा.

इकोनॉमी और हेल्थ दोनों मोर्चों पर लड़े सरकार
राहुल गांधी ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि उसे हेल्थ के मोर्चे पर तो लड़ना ही है लेकिन इकोनॉमी के मोर्चे पर भी कई काम करने होंगे. सबसे गरीब लोगों के बैंक खाते में सीधा पैसा पहुंचाना चाहिए. खाने से महरूम लोगों को खाने का सामान मुहैया कराया जाए और लॉकडाउन के बाद लोगों के आर्थिक जीवन की सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठाने चाहिए.