नई दिल्ली: संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गले लगाने के 5 दिनों बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर अपनी 'झप्पी पॉलिटिक्स' पर खुल कर राय जाहिर की है. वरिष्ठ पत्रकार करण थापर की किताब 'डेविल्स एडवोकेट' के विमोचन में पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि देश में काफी नफरत और गुस्से का माहौल है. उन्होंने कहा कि हमारा धर्म हमें नफरत में कैद होना नहीं सिखाता. उन्होंने कहा कि हम मोदी सरकार से लड़ सकते हैं लेकिन बगैर नफरत के. राहुल ने मजाकिया लहजे में ये भी कहा कि आज कल बीजेपी नेता मुझे देख कर 2 कदम पीछे हो जाते हैं.
इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी, शशि थरूर समेत कांग्रेस के कई नेता और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी मौजूद थे. राहुल गांधी और मनमोहन सिंह ने किताब का विमोचन किया.
इसके बाद अपने छोटे से भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि देश में काफी गुस्सा, नफरत, फ्रस्ट्रेशन का माहौल है. सभी नेता दुनिया को अपने तरीके से देखना चाहते हैं. राजनीति का तरीका टकराव भरा है. लेकिन मैं ऐसे परिवेश में बड़ा नहीं हुआ हूँ. सामने बैठे लाल कृष्ण आडवाणी का नाम लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आडवाणी भी मेरी बात से सहमत होंगे.
राहुल गांधी ने अपनी वियतनाम यात्रा से जुड़ी एक कहानी सुनाई. उन्होंने एक ऐसे शख्स से अपनी बातचीत को साझा किया जिसकी मां अमेरिकी बम हमले का शिकार हो गई थी. उसके गांव के तमाम लोग मारे गए थे. अमेरिकी फौज से लड़ते हुए उसके पूरे शरीर पर घाव बन गए थे यहां तक कि एक अमेरिकी सैनिक ने उसके सर पर ग्रेनेड फेंका था जिस वजह से उसके सिर पर गहरा घाव बन गया था. राहुल ने उस शख्स से पूछा कि क्या वो अमेरिकियों से नफरत करते हैं? जवाब मिला, नहीं, मैं उनसे लड़ा लेकिन नफरत नहीं करता, नफरत आपकी अपनी पसन्द होती है.
इसके बाद राहुल फिर आडवाणी पर आए. कहा, कि आडवाणी से असहमति हो सकती है लेकिन नफरत नहीं. मैं इनसे भी गले मिल सकता हूं. हम गले मिल के भी लड़ सकते हैं. राहुल ने मजाकिया लहजे में कहा मुझे देख कर आजकल बीजेपी नेता 2 कदम पीछे हट जाते हैं.
भाषण के आखिरी हिस्से में राहुल ने सीताराम येचुरी को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सब मोदी सरकार से लड़ सकते हैं, लेकिन नफरत करने की जरूरत नहीं है. इसके बाद अंत में राहुल ने कहा 'पता नहीं बदले में वो लोग मुझे आदर देंगे या नहीं'.