झालवाड़ (राजस्थान): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीबीआई में जारी उठापटक को राफेल डील से जोड़ते हुए कहा कि जांच एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे. इसलिए उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेजा गया है. राहुल ने आगे ट्वीट कर कहा, ''प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा- हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा. देश और संविधान खतरे में हैं.''
राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए झालवाड़ पहुंचे राहुल ने कहा कि कल रात चौकीदार (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने सीबीआई के डायरेक्टर को हटाया क्योंकि सीबीआई राफेल पर सवाल उठा रही थी.''
राहुल ने कहा, ''मैं अनिल अंबानी, राफेल और पीएम मोदी की कहानी बताता हूं. हमारे यहां एक कंपनी है एचएएल, जिसने पाकिस्तान को हराने वाला जहाज बनाया. एचएएल कंपनी पर एक रुपए का कर्ज नहीं है. मोदी प्रधानमंत्री बनने पर फ्रांस जाते हैं, जिसके साथ अनिल अंबानी भी जाते हैं. उन्हें राफेल का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया. अंबानी ने अपनी जिंदगी में कभी जहाज नहीं बनाया. कंपनी पर 45 हजार करोड़ का कर्ज है.''
उन्होंने अरुण जेटली पर भी आरोप लगाए. राहुल ने कहा, ''मोदी जी 35,000 करोड़ रुपये वाले मनरेगा को गड्ढा खोदना कहते हैं, लेकिन नीरव भाई, मेहुल भाई 35000 करोड़ रुपये लेकर भागता है और मेहुल चोकसी अरुण जेटली की बेटी को आईसीआईसीआई बैंक खाते में पैसा देता है.''
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राहुल गांधी राफेल को लेकर लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उनका दावा है कि राफेल डील में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए डील के नियमों में फेरबदल किये गए. सरकारी कंपनी एचएएल को दरकिनार किया गया.
कांग्रेस ने कई दफे राफेल डील की जांच के लिए जांच एजेंसियों से अपील की है. वहीं सरकार का कहना है कि राफेल डील में किसी भी प्रकार कि गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है. आरोप बेबुनियाद हैं.
आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर आशंका जताई है कि वह राफेल सौदे की जांच करने वाले थे इसलिए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया.
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