चिदंबरम को जमानत मिलने पर राहुल गांधी बोले- पूरा भरोसा है कि निष्पक्ष सुनवाई में निर्दोष साबित होंगे
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को पहली बार आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था. अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत दे दी है. कांग्रेस ने इसे बड़ी जीत बताया है और कहा है कि चिदंबरम निर्दोष साबित होंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''पी चिदंबरम की 106 दिनों की कैद प्रतिशोधपूर्ण थी और पूरा भरोसा है कि वह निष्पक्ष सुनवाई में खुद को निर्दोष साबित कर देंगे.''
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को निर्देश दिया कि पूर्व अनुमति के बगैर वह न तो देश से बाहर जाएंगे और न ही इस प्रकरण के बारे में मीडिया से बात करेंगे. जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश राय की पीठ ने पिछले 105 दिन से जेल में बंद कांग्रेस के 74 वर्षीय वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को जमानत देते हुये यह निर्देश भी दिया कि वह न तो गवाहों को प्रभावित करेंगे और न ही किसी साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करेंगे.
Mr P Chidambaram’s 106 day incarceration was vengeful & vindictive. I'm glad that the SC has granted him bail. I'm confident that he will be able to prove his innocence in a fair trial.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 4, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को राहत प्रदान करते हुये उन्हें दो लाख रूपए का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानतें देने का निर्देश दिया. चिदंबरम को पहली बार आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था. इस मामले में उन्हें शीर्ष अदालत ने 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी.
106 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे चिदंबरम, सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी जमानत
इसी दौरान 16 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले से मिली रकम से संबंधित धन शोधन के मामले में चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था. वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि आर्थिक अपराध गंभीर किस्म के होते हैं लेकिन आरोपी को जमानत देना नियम है और अपवाद स्वरूप ही इससे इंकार किया जा सकता है.
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप था कि 2007 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुईं. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया था.