नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर नाकाम होने के कारण पीएम देश का ध्यान का भटका रहे हैं और लोगों को बांट रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनता की आवाज को दबा रही है, सरकार को विरोध की आवाज सुननी चाहिए. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए प्रदर्शन की ओर इशारा किया.


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बगैर पुलिस के छात्रों के बीच जाएं और उनसे बातचीत करें. उन्होंने कहा, ''मैं पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देता हूं कि वह बिना पुलिस के किसी भी यूनिवर्सिटी में जाकर दिखाएं. वह बताएं कि देश के लिए वह क्या करने जा रहे हैं.''


राहुल गांधी ने विपक्षी दलों की बैठक के बाद कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को युवाओं और छात्रों की आवाज सुननी चाहिए. उनकी बात का जवाब देने का साहस करना चाहिए. उन्हें यह बताने का साहस करना चाहिए कि देश की अर्थव्यवस्था की ऐसी हालत क्यों हुई है. मुझे पता है कि उनमें ऐसा करने का साहस नहीं है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था और रोजगार की स्थिति को लेकर युवाओं में गुस्सा और डर है क्योंकि उन्हें अपना भविष्य नहीं दिखाई दे रहा है. सरकार का काम देश को रास्ता दिखाने का होता है, लेकिन यह सरकार इसमें नाकाम हो गई है. इसलिए विश्वविद्यालयों, युवाओं और किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.’’


राहुल गांधी ने कहा, ‘‘इस स्थिति को ठीक करने की बजाय नरेंद्र मोदी ध्यान भटकाने और देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. देश की जनता समझती है कि मोदी जी अर्थव्यवस्था, रोजगार और देश के भविष्य के मुद्दों पर विफल हो गए हैं.’’


राहुल गांधी ने कहा, ''युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा? हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे पटरी पर आएगी? इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए. रोजगार पर प्रधानमंत्री नहीं बोलते हैं.''


हाल ही में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) और जामिया समेत कई विश्वविद्यालय में प्रदर्शन हुए हैं और इस दौरान हिंसा की भी बात सामने आई है. इसी को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. आज नई दिल्ली में पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई विपक्षी दलों की बैठक में अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कृषि संकट, सीएए, एनआरसी और यूनिवर्सिटी के हालातों पर चर्चा हुई.


विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आरजेडी के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और आरएलडी के अजित सिंह मौजूद थे.


इसके साथ ही आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तथा कई अन्य दलों के नेता भी बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में बसपा, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुईं.


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