LIC IPO: राहुल गांधी का केंद्र पर निशाना, कहा- एलआईसी की कम कीमत आंकी गई
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा 13.94 लाख कर्मचारी, 30 करोड़ पॉलिसीधारक, 39 लाख करोड़ की संपत्ति, मिलने वाले रिटर्न के लिहाज से दुनिया की नंबर एक कंपनी इसके बावजूद सरकार ने एलआईसी की कम कीमत तय की.
LIC IPO: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरूवार को मोदी सरकार पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का मूल्यांकन कम करके आंकने का आरोप लगाते हुए पूछा कि भारत की सबसे मूल्यवान संपदा को “कौड़ियों के दाम” पर क्यों बेचा जा रहा है. सरकारी स्वामित्व वाले एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बुधवार को खुदरा और संस्थागत निवेशकों के अंशदान के लिये खोले गए. आईपीओ नौ मई (सोमवार) को बंद होगा.
एलआईसी ने निर्गम के लिए मूल्य दायरा 902-949 रुपया तय किया है. कुछ शेयर एलआईसी के कर्मचारियों एवं पॉलिसीधारकों के लिए भी आरक्षित रखे गए हैं. खुदरा निवेशक और पात्र कर्मचारियों को प्रति शेयर 45 रुपये की छूट मिलेगी जबकि पॉलिसीधारकों को 60 रुपये प्रति शेयर की छूट मिलेगी. गांधी ने एक ट्वीट में कहा, “13.94 लाख कर्मचारी, 30 करोड़ पॉलिसीधारक, 39 लाख करोड़ की संपत्ति, शेयरधारकों को मिलने वाले रिटर्न के लिहाज से दुनिया की नंबर एक कंपनी. इसके बावजूद मोदी सरकार ने एलआईसी की कीमत कम तय की.”
13.94 Lakh Employed
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 5, 2022
30 Crore Policyholders
39 Lakh Crore in Assets
World #1 - ROI for Shareholders
Yet, Modi Govt has undervalued LIC. Why is one of India’s most valuable assets being sold at a throwaway price?#JanDhanLootYojana
राहुल गांधी ने पूछा कौड़ियों के दाम क्यों बेची जा रही है संपत्ति ?
कांग्रेस नेता ने पूछा, “आखिर भारत की सबसे महंगी संपत्तियों में से एक कौड़ियों के भाव क्यों बेची जा रही है?” कांग्रेस ने पिछले मंगलवार को शेयरों के दाम पर भी सवाल उठाए थे और उनकी कीमत कम होने का आरोप लगाते हुए उन्हें 30 करोड़ पॉलिसीधारकों के भरोसे की कीमत पर कौड़ियों के दाम बेचने की बात कही थी.
भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ को बोली के दूसरे दिन गुरुवार को शत-प्रतिशत प्रतिशत अभिदान मिल गया. बीएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, पॉलिसी धारकों वाले हिस्से को तीन गुना से थोड़ा अधिक अभिदान मिला, जबकि कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्सा को 2.14 गुना अभिदान प्राप्त हुआ. सरकार को एलआईसी के आईपीओ से 21,000 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है. वह एलआईसी में अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है.