नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मांग की है कि नोटबंदी के बाद से जितने पैसे राजनीतिक पार्टियों ने जमा कराए हैं उसे सार्वजनिक किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत खराब है. इससे साफ जाहिर होता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है.


आपको बता दें कि सरकार ने कल ही कहा है कि राजनीतिक पार्टियों पर 1000 और 500 के पुराने नोट अपने खाते में जमा करने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स  कानून के तहत पहले से ही छूट मिली हुई है. सरकार ने ऐलान कर रखा है कि अगर अघोषित आय से ज्यादा कोई व्यक्ति अपने खाते में 500-1000 के नोट जमा करता है तो उसकी जांच की जा सकती है लेकिन राजनीतिक पार्टियां कितनी भी मात्रा में 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करें उन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.


सरकार के इसी फैसले पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने कहा है, 'बीजेपी को किस बात से डर लग रहा है? उनके इनकम टैक्स की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए?' केजरीवाल ने मांग की कि एक स्वतंत्र कमिटी सभी राजनितिक पार्टियों के पैसे की जांच करें.


साथ ही केजरीवाल ने ये भी आरोप लगाया है कि पीएम मोदी और राहुल गांधी के बीच में कोई डील हुई है. केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'राहुल गांधी कल प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे थे, उसी के बाद ये घोषणा हुई है. राहुल ने पहले कहा था कि उनके पास पीएम मोदी के खिलाफ सबूत है. राहुल सिर्फ कह रहे हैं कि मुंह खोल दिया तो भूचाल आ जाएगा. तो क्या इन दोनों ने मिलकर कोई डील की है?'


केजरीवाल ने मांग की है कि 'जैसे सहारा और बिड़ला से मोदी जी को रिश्वत मिली. हमने ये सारे कागज जनता के बीच रखे. वैस ही राहुल गांधी के पास पीएम मोदी के खिलाफ जितने भी सबूत हैं उन्हें जनता के सामने रखना चाहिए.'


नोटबंदी पर बोलेत हुए केजरीवाल ने कहा, 'हम शुरू से कह रहे थे कि स्कीम भी खराब है, नीयत भी खराब है. अगर राजनीतिक पार्टियों का काला पैसा बिना जांच के रखा जाएगा तो ये देश के साथ धोखा है.'


कल ही पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ाए गए. केजरीवाल ने इसे लेकर भी अपना विरोध दर्ज कराया है.