साध्वी के बयान पर राहुल का हमला, कहा- करकरे देश की रक्षा के लिए शहीद हुए, उनका सम्मान होना चाहिए
साध्वी प्रज्ञा ने मालेगांव ब्लास्ट केस का जिक्र करते हुए शहीद हेमंत करकरे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हेमंत करकरे ने मुझे प्रताड़ित किया, मैंने श्राप दिया, हेमंत करकरे को आतंकियों ने मार.
नई दिल्ली: भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की मुंबई हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के बारे में विवादित टिप्पणी की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि करकरे ने भारत की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हेमंत करकरे ने भारत की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया. उनका सम्मान किया जाना चाहिए.’’
साध्वी ने अपना बयान वापस लिया, कहा- मैं क्षमा मांगती हूं साध्वी ने एमपी के बैरसिया में कहा कि वह मेरी पीड़ा थी इसलिए कहा, मेरे शब्दों से दुश्मनों को बल मिलता है तो मैं अपना बयान वापस लेती हूं. उन्होंने ये भी कहा कि दुश्मन की गोली से मरने वाला सम्मानीय है. बता दें कि हेमंत करकरे को लेकर साध्वी ने कहा कि मैंने श्राप दिया जिसके बाद वो आतंकियों कि गोली से मरा.
साध्वी ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा, ''वह मेरी व्यक्तिगत मेरी पीड़ा थी जो मैंने सुनाई थी. मेरे शब्दों से दुश्मनों को बल मिलता है तो मैं अपना बयान वापस लेती हूं." हेमंत करकरे को शहीद मामने के सावल पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि दुश्मन की गोली से कई शहीद होता है तो उसका सम्मान निश्चित है. साध्वी ने कहा कि मैं तभी माला पहनूंगी जब भारत माता को विजय माल पहनाऊंगी.
बीजेपी ने दी सफाई- साध्वी का निजी बयान शहीद के अपमान पर हंगामा हुआ तो बीजेपी को भी सफाई देनी पड़ी. बीजेपी ने बयान जारी कर कहा, "बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है. साध्वी का बयान निजी है जो उन्होंने सालों तक शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया होगा.''
क्या है पूरा मामला? प्रज्ञा मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं. इस मामले की जांच करकरे के नेतृत्व में हुई थी. गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए थे. उसी दौरान करकरे और मुंबई पुलिस के कुछ अन्य अधिकारी शहीद हुए थे. शहीद हेमंत करकरे मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच कर रहे थे, जिसकी आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हैं. मालेगाव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा 9 साल जेल में रही, इसी दौरान हेमंत करकरे ने उनसे पूछताछ की थी.