BJP vs Congress: कांग्रेस पार्टी ने 47 साल बाद अपने मुख्यालय का पता बदलकर 24 अकबर रोड से इंदिरा गांधी भवन, 9A कोटला रोड कर लिया है. बुधवार (15 जनवरी) की सुबह इस नए दफ्तर का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया जहां कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद थे. ये अवसर कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक माना गया. राहुल गांधी ने इस मौके पर अपना पहला भाषण दिया, लेकिन ये भाषण विवादों में घिर गया.
राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके प्रमुख मोहन भागवत पर हमला करते हुए की. उन्होंने कांग्रेस के आजादी के आंदोलन में योगदान पर बात की, लेकिन बीच-बीच में बीजेपी और RSS पर कटाक्ष करते रहे. उनके बयान में एक विवादास्पद बात ये थी कि उन्होंने कहा "इंडियन स्टेट यानी देश से लड़ रहे हैं." ये टिप्पणी तुरंत ही राजनीतिक विवाद की वजह बन गई और विपक्ष ने इसे देश के खिलाफ बयान बताते हुए राहुल गांधी पर हमला बोल दिया.
मोहन भागवत का बयान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार (13 जनवरी) को इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बयान दिया. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार देने के अवसर पर भागवत ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को "प्रतिष्ठा द्वादशी" के रूप में मनाया जाना चाहिए और इसे भारत का 'सच्चा स्वतंत्रता दिवस' मानना चाहिए. उनके इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
बुधवार (15 जनवरी) को राहुल गांधी ने कहा कि यदि भागवत किसी अन्य देश में ऐसा बयान देते हैं तो इसे देशद्रोह समझा जाता और उनके खिलाफ मुकदमा चलाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता. राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. कई नेताओं ने इसे "देश-विरोधी" करार दिया और कहा कि राहुल गांधी ने अपने ही प्रयासों को कमजोर कर दिया है. विपक्ष ने कांग्रेस की विचारधारा पर सवाल उठाए और इसे "आत्मघाती" बयान बताया.
कांग्रेस ने दी सफाई
कांग्रेस ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि राहुल गांधी के बयान को संदर्भ से बाहर निकालकर प्रस्तुत किया जा रहा है. पार्टी प्रवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी का उद्देश्य केवल कांग्रेस के योगदान को उजागर करना था और उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से एक्सप्लेन किया गया है.
क्या राहुल ने किया सेल्फ-गोल?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का ये बयान उनके लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर एक पॉजिटिव मैसेज देने के बजाय यह विवाद पैदा हो गया. कई लोगों का कहना है कि राहुल गांधी ने "सेल्फ-गोल" कर लिया है.
इंदिरा गांधी भवन में कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन पार्टी के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक माना जा रहा है. कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि इस नए केंद्र से पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. हालांकि राहुल गांधी के बयान ने इस पॉजिटिव पहल को कुछ हद तक विवादों के साये में ला दिया है. राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए ये समय आत्ममंथन का है. नए मुख्यालय से कांग्रेस को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है, लेकिन विवादों से उबरना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. अब देखना ये है कि कांग्रेस इस विवाद को कैसे संभालती है और इसे अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश करती है.