नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार पर हमले तेज करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पिछले कुछ सालों के दौरान सरकार अपने करीबी कुछ उद्योगपतियों को तमाम उद्योग-धंधे सौंप रही है और अब तक एकाधिकार से सुरक्षित बचे खेती क्षेत्र को भी पीएम मोदी कृषि कानूनों के जरिए कुछ लोगों को सौंपना चाहती है. कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के प्रति समर्थन जाहिर करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब-हरियाणा के किसान कृषि पर निर्भर देश की 60% आबाादी की रोजी-रोटी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. राहुल ने एक बार फिर दोहराया कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने ही होंगे.
आंदोलनरत किसान संगठन और सरकार के बीच जारी गतिरोध को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि अहंकार के कारण सरकार को लगता है किसानों को थकाया जा सकता और बेवकूफ बनाया जा सकता है, लेकिन किसान प्रधानमंत्री से ज्यादा समझदार हैं. कृषि कानूनों की आलोचना करते हुए राहुल ने कहा कि इससे कुछ लोग पूरी कृषि व्यवस्था के मालिक बन जाएंगे, मंडी व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी और इसकी कीमत मध्यम वर्ग चुकाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि नए कृषि कानून केवल किसानों पर नहीं माध्यम वर्ग पर हमला है. उन्होंने कहा कि युवाओं को यह बात समझनी होगी. यह बात वर्तमान से ज्यादा भविष्य से जुड़ी है.
अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा पूछे गए सवालों पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी कौन है क्या करता है यह किसान जानता है. भट्टा पारसौल में नड्डा जी कहां थे? राहुल ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा, "मैं नरेंद्र मोदी से नहीं डरता. मैं साफ सुथरा आदमी हूं. मुझे गोली मार सकते हैं, लेकिन छू नहीं सकते. मैं देशभक्त हूं, अकेला खड़ा हो जाऊंगा." राहुल ने कहा, मेरी बात मानों. जब गुलाम बन जाओगे तब समझ आएगा. वहीं, नड्डा को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, "नड्डा मेरे प्रोफेसर हैं क्या? मैं उनकी हर बात का जवाब क्यों दूं?"
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हम कृषि सुधार चाहते हैं, लेकिन मंडियों को खत्म करके नहीं. वहीं, किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की असलियत सबको पता है."
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस द्वारा प्रकाशित "खेती का खूनी, तीन काले कानून" बुकलेट जारी किया.
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