नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उत्तर और दक्षिण भारत की तुलना वाले बयान पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. राहुल गांधी का कहना है कि उनकी उत्तर भारत के लोगों से एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई है. एबीपी न्यूज से बातचीत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी को उत्तर भारत के लोग बहुत खोखले लगते हैं. ईरानी ने कहा, 'एक कहावत है कि अंगुर खट्टे हैं लेकिन लोकतंत्र में एक नेता को जनता के प्रति इतनी घृणा है. एक लोकसभा क्षेत्र (अमेठी) की जनता ने बिना काम के भी राहुल गांधी के प्रति 15 साल तक उदारता दिखाई. उस लोकसभा क्षेत्र के लोगों का राहुल गांधी ने अपमान किया है.'
अमेठी में स्मृति के जमीन खरीदने से राहुल के बयान का कनेक्शन
कांग्रेस का सबसे मजबूत किला अमेठी ध्वस्त करने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अब अमेठी में ही अपना आशियाना बनाने जा रही हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि स्मृति ईरानी का अमेठी में जमीन खरीदने के बाद ही राहुल गांधी ने केरल में ऐसा बयान दिया है. आखिर इन दोनों बातों का आपस में कनेक्शन है. इसपर स्मृति ईरानी ने कहा, 'मैं 2014 में अमेठी में चुनाव हार गई थी. लोगों का अनुमान था कि मैं दोबारा यहां लौटूंगी नहीं. इसके बावजूद मैं लौटी क्योंकि अमेठी की जनता ने मुझे अपने परिवार का हिस्सा माना. साल 2019 में उन लोगों ने मुझसे आग्रह किया कि अमेठी का सांसद आजतक यहां घर लेकर रहा नहीं है. मैं अबतक किराये के मकान पर रह रही थी. अब मुझे यहां अपना घर बनाने सौभाग्य मिला है.'
"राहुल गांधी डेढ़ साल से अमेठी से प्रति अपनी नफरत पाले रखे थे"
स्मृति ईरानी ने आगे कहा, 'चुनावी हार जीत सभी लोगों राजनीतिक लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग है. इस हार का हम जनता को दोष नहीं दे सकते. जनता अगर हमें वोट नहीं देती तो इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने ही देश के लोगों के प्रति नफरत की भावना रखें. राहुल गांधी डेढ़ साल से अमेठी से प्रति अपनी नफरत पाले रखे थे, वहीं उन्होंने वायनाड के अपने भाषण में उजाकर की है. 15 साल उन्होंने अमेठी में विकास का कोई काम नहीं किया. आज समझ आया कि उनके मन में अमेठी लोगों के लिए सम्मान ही नहीं था.'
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