नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हैं. इस बीच कई नेताओं ने राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कई सचिव, कई राज्य इकाइयों के पदाधिकारियों, युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं या इस्तीफे की पेशकश की है.
युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों ने गांधी के समर्थन में इस्तीफा देने को लेकर हस्ताक्षर मुहिम भी शुरू की है. सूत्रों के मुताबिक इस पर कई पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें ज्यादातर जूनियर लोग शामिल हैं.
दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया भी उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने गांधी के समर्थन में इस्तीफा दिया है. लिलोठिया ने कहा, ''मैंने शुरू से ही राहुल गांधी के नेतृत्व में काम किया. मैं जानता हूं कि कांग्रेस पार्टी में उनकी क्या अहमियत है. मेरी और लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल जी कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें.' उन्होंने कहा, 'मैंने राहुल जी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए यह कदम उठाया है. इसके बाद से कई नेताओं ने इस्तीफे दिए हैं. आने वाले दिनों में और नेता इस मुहिम से जुड़ेंगे.''
150 नेताओं का इस्तीफा
जिन अन्य लोगों ने इस्तीफे दिए हैं उनमें कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया भी शामिल है. पदाधिकारियों की बात करें तो विरेंद्र राठौर, अनिल चौधरी, जितेन्द्र भगेल, राजेश धरमाणी, नीटा डिसूज़ा, सुमित्रा चौहान, संजय चौखर और वीरेंद्र वशिष्ट जैसे नाम हैं. कुल मिलाकर इस्तीफों की संख्या 150 पर पहुंच गई है. गोवा के काग्रेस अध्यक्ष गिरीश ने भी राहुल के समर्थन में इस्तीफ़ा भेज दिया है.
सूत्रों की माने तो इस्तीफों का ये दौर जारी रहेगा और उम्मीद की जा रही है कि आज कांग्रेस में एक बड़ा विकेट गिर सकता है. मामला यहां तक पहुंच गया है कि युवा नेताओं ने राहुल गांधी के समर्थन मे इस्तीफ़े तो दिए लेकिन उन्होंने सीनियर नेताओं को तीन दिन का समय दिया है. अगर सीनियर नेताओं ने तीन दिन के भीतर इस्तीफे नहीं दिए तो सभी युवा नेता उनके घर जाकर इस्तीफा मांगेंगे.
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वैसे, इन इस्तीफों को लेकर फिलहाल पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. इससे पहले गुरुवार रात को पार्टी के विधि विभाग के प्रमुख विवेक तन्खा ने इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को अपने पद छोड़ देने चाहिए ताकि राहुल गांधी अपनी नई टीम बना सकें.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें बड़े बदलाव के लिए अधिकृत किया था. इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं. हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें.