Modi Surname Case: पटना हाई कोर्ट में राहुल गांधी का हलफनामा, बोले- डबल जियोपार्डी सिद्धांत से प्रभावित है मानहानि केस, जानें क्या है ये
Rahul Gandhi की ओर से पटना हाई कोर्ट में मोदी सरनेम वाले मामले में सप्लीमेंट्री हलफनामा दाखिल किया गया है. राज्ससभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 2019 में राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था.
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Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से 'मोदी सरनेम' वाले मानहानि मामले में शुक्रवार (21 अप्रैल) को पटना हाई कोर्ट में एक हलफनाम दायर किया गया. इसमें कहा गया है कि पटना की अदालत में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की ओर से राहुल के खिलाफ किया गया मानहानि का मुकदमा 'डबल जियोपार्डी डॉक्टरिन' (दोहरे दंड के सिद्धांत) से प्रभावित है.
गौरतलब है कि सुशील मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया था. राहुल गांधी की ओर से केस को खारिज करने की याचिका दी गई थी. उसी याचिका में सप्लीमेंट्री एफिडेविट (पूरक हलफनामा) दाखिल किया गया है.
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब हाल में पटना कोर्ट ने राहुल गांधी को सीआरपीसी की धारा 313 के तहत उनका बयान दर्ज कराने के लिए 25 अप्रैल को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.
राहुल गांधी की ओर से दाखिल हलफनामे में क्या कहा गया?
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य आशीष कुमार ने राहुल गांधी की ओर से हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में तर्क दिया गया है राहुल गांधी को उसी टिप्पणी के लिए सूरत की अदालत की ओर से पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है जो पटना कोर्ट में सुशील मोदी की ओर से दायर मानहानि शिकायत के केंद्र में है.
हलफनामे में आगे कहा गया कि अप्रैल 2019 में कोलार में एक चुनावी अभियान के दौरान जब 'सभी चोर मोदी सरनेम साझा क्यों करते हैं' कथित बयान दिया गया, राहुल गांधी पर मुकदमा चला और सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया, इसलिए पटना कोर्ट के समक्ष लंबित मामला दोहरे दंड के सिद्धांत से प्रभावित होगा जैसा कि सीआपीसी की धारा 300 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 (2) के तहत प्रावधान है.
'डबल जियोपार्डी' के लिए क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद और सीआरपीसी की धारा?
संविधान के अनुच्छेद 20 (2) में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति पर एक ही अपराध के लिए एक से ज्यादा बार मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है और दंडित नहीं किया जा सकता है. वहीं, सीआरपीसी की धारा 300 (1) न सिर्फ एक ही अपराध के लिए, बल्कि एक ही तथ्य पर किसी अन्य अपराध के लिए किसी व्यक्ति के मुकदमे पर रोक लगाती है. हलफनामे कहा गया कि दोनों मामलों में फर्क सिर्फ इतना है कि शिकायतकर्ता अलग-अलग हैं.
अब इस दिन होगी मामले की सुनवाई
हलफनामे के जरिये मामले को खारिज करने का आग्रह किया गया. यह हलफनामा दाखिल करते समय राहुल गांधी की ओर से पेश अधिवक्ता अंशुल ने शीघ्र सुनवाई के लिए पटना हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार के समक्ष मामले का उल्लेख किया. जस्टिस कुमार ने राहुल के वकील के अनुरोध को स्वीकार कर लिया. अब मामले की सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. बता दें कि गुरुवार (20 अप्रैल) को सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धी पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी.
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