Bharat Jodo Yatra Big Controversy: राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' कल यानी 30 जनवरी को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त हो जाएगी. इस यात्रा ने जम्मू कश्मीर तक लगभग 3,500 किलोमीटर का सफर तय किया है. यात्रा में लाइमलाइट में सिर्फ राहुल गांधी ही नजर आए.


चाहे फिर प्रोटोकॉल तोड़कर आम लोगों से मिलना हो या फिर कड़ाके की सर्दी में टी-शर्ट पहनना, उन्होंने हर जगह मीडिया के कैमरों को अपनी ओर आकर्षित किया. चूंकि अब ये यात्रा समापन की ओर बढ़ रही है, ऐसे में हम आपको इस यात्रा से जुड़े 5 बड़े विवाद बता रहे हैं.


सावरकर पर राहुल के बयान से मचा बवाल


भारत जोड़ो यात्रा शुरू से ही विवादों में रही. उसके बहुत से कारण हैं. सबसे बड़ी वजह तो राहुल गांधी के भाषण ही रहे. वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उन्होंने कुछ ऐसे बयान दिए, जिससे खूब विवाद उठा. ये यात्रा जब महाराष्ट्र पहुंची थी तो राहुल गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर पर अंग्रेजों की मदद करने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने कहा था कि सावरकर ने जेल में रहने के दौरान अंग्रेजों के डर से माफीनामे पर हस्ताक्षर कर महात्मा गांधी और भारत के दूसरे फ्रीडम फाइटर को धोखा दिया था. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'सावरकर का लेटर' भी दिखाया था. राहुल के इस बयान के बाद खूब बवाल हुआ. महाराष्ट्र की राजनीति में तो राहुल ने सनसनी मचा दी. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी उनके बयान से असहमत दिखाई दिए.


राहुल गांधी की भगवान राम से तुलना


भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब राहुल गांधी की तुलना भगवान श्रीराम से की गई. जी हां, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने यात्रा के उत्तर प्रदेश पहुंचने से पहले कहा था कि भगवान राम की खड़ाऊं बहुत दूर तक जाती है. कभी-कभी खड़ाऊं लेकर भी चलना पड़ता है. हमेशा भगवान राम हर जगह नहीं पहुंच पाते हैं, उनके भाई भरत जी उनकी खड़ाऊं लेकर चलते हैं. खड़ाऊं लेकर हम उत्तर प्रदेश में पहुंच गए हैं. अब रामजी भी पहुंचेंगे. सलमान खुर्शीद के इस बयान पर बीजेपी ने जमकर निशाना साधा. वहीं तमाम हिंदू संगठनों ने भी इसका विरोध किया.


तपस्वी और पुजारी पर हुआ विवाद


राहुल गांधी यात्रा के दौरान तपस्वी और पुजारी के विवाद में भी फंसे. जब यात्रा हरियाणा से गुजर रही थी तो उस समय राहुल गांधी ने बीजेपी और RSS को निशाने पर लेते हुए कहा था कि कांग्रेस तपस्या में यकीन रखती है, लेकिन बीजेपी पूजा का संगठन है. राहुल ने कहा था कि ये देश तपस्वियों का है, न की पुजारियों का. उनके इस बयान को बीजेपी के नेताओं ने जमकर शेयर किया और ये बोला गया कि राहुल गांधी पुजारियों के विरोधी हैं. राइटविंग ग्रुप्स ने भी इस बयान की आलोचना की. हालांकि, राहुल गांधी ने ये बयान बीजेपी और आरएसएस के संदर्भ में दिया था.


राहुल गांधी की टी-शर्ट पर राजनीति


राहुल गांधी की टी-शर्ट को लेकर भी खूब राजनीति हुई. जब यात्रा दिल्ली पहुंची थी तो उस समय कड़ाके की सर्दी पड़ रही थी और पारा 4-5 डिग्री सेल्सियस तर गिर चुका था, लेकिन राहुल गांधी ने फिर भी जैकेट नहीं पहनी और टी-शर्ट में ही यात्रा की. इस पर बीजेपी के नेताओं ने कटाक्ष भी किया. बीजेपी आईटी सेल के चीफ ने तो राहुल गांधी की तस्वीर शेयर कर दावा किया कि उन्होंने टी-शर्ट के अंदर इनर पहना हुआ है और ये सिर्फ नौटंकी चल रही है. हालांकि, राहुल गांधी कहते रहे कि जब तक वो ठंड को सहन कर पा रहे हैं तब तक टी-शर्ट नहीं पहनेंगे.


सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल, राहुल ने दी सफाई


जम्मू कश्मीर में यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है और बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी एक बवाल खड़ा कर दिया, जिसकी वजह से राहुल गांधी को भी मुश्किलें बढ़ीं. दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि "बीजेपी के नेता सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं और कहते हैं कि हमने इतने लोग मार गिराए, लेकिन प्रमाण कुछ नहीं है. सिर्फ झूठ के पुलिंदे से ये राज कर रहे है." दिग्विजय के इस बयान से पार्टी ने खुद को तुरंत अलग कर लिया. हालात ये हो गए कि राहुल गांधी को मीडिया में इसपर सफाई तक देनी पड़ी. राहुल गांधी ने कहा, "यह दिग्विजय सिंह का निजी बयान है. मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं. मुझे देश की सेना पर पूरा भरोसा है. सेना कुछ करे तो सबूत मांगने की जरूरत नहीं है."


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