नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल विमान की कीमत और खरीद की प्रक्रिया को लेकर हलफनामा दाखिल कर किया है. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर तंज कसा है. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गलती मान ली, पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त. राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है, राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.


राहुल गांधी ने ट्वीट ट्वीट कर कहा, ''सुप्रीम कोर्ट में मोदी जी ने मानी अपनी चोरी. हलफ़नामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछे कांट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रूपया अंबानी की जेब में डाला. पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त.''


मैं झूठ नहीं बोलता, अंबानी को हमने खुद चुना: दसॉल्ट के CEO
राहुल गांधी ने फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन पर भी आरोप लगाए हैं. इस बीच राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने आरोपों को बकवास करार दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में ट्रैपियर ने कहा कि राफेल डील में दसॉल्ट एविएशन और रिलायंस ज्वाइंट वेंचर के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट को लेकर मैंने झूठ नहीं बोला.


यहां पढ़ें दसॉल्ट के सीईओ का पूरा इंटरव्यू


इसके साथ ही ट्रैपियर ने साफ किया कि हमने रिलायंस को खुद चुना, इसके अलावा 30 साझेदार और हैं. राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''मैं झूठ नहीं बोलता. मैंने जो बात पहले कही और जो बयान दिया बिल्कुल सही हैं. मैं झूठ बोलने के लिए नहीं जाना जाता. मेरे पद पर आप झूठ नहीं बोल सकते.''


कांग्रेस ने कहा- घोटाले पर झूठ बुलवाया जा रहा है
कांग्रेस ने एरिक ट्रैपियर के इंटरव्यू को 'कहलवाया हुआ' इंटरव्यू बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कहलवाए गए इंटरव्यू और गढ़े हुए झूठ राफेल घोटाले की सच्चाई को दबा नहीं सकते. कानून का पहला नियम है कि बराबरी के लाभार्थी और सह आरोपी के स्टेटमेंट का कोई महत्व नहीं. दूसरा नियम है कि बराबरी के लाभार्थी और आरोपी अपने खुद के केस में जज नहीं हो सकते. सच बाहर आने का रास्ता होता है.''


कैसा राफेल विमान और क्या है विवाद?
राफेल हवा से हवा में मार करने वाली दुनिया की सबसे घातक मिसाइल मेटेओर से लैस है. मेटेओर मिसाइल 100 किलोमीटर दूर उड़ रहे फाइटर जेट को मार गिराने में सक्षम है और ये चीन-पाकिस्तान सहित पूरे एशिया में किसी के पास नहीं है. इसके अलावा राफेल में हवा से सतह पर मार करने वाली सबसे खतरनाक क्रूज़ मिसाइल स्कैल्प है. जो करीब 560 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है. राफेल हवा से हवा में मार करने वाली खतरनाक माइका मिसाइल से भी लैस है जो 50 किलोमीटर तक के टारगेट को मार सकती है.


मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जाता रहा है कि यूपीए सरकार ने 600 करोड़ रुपये में एक राफेल का सौदा किया था, जबकि मोदी सरकार को एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपये का पड़ेगा. सरकार ने अब तक इसकी कीमत सार्वजनिक नहीं की है. सरकार ने गोपनीयता का हवाला देकर राफेल डील की कीमत नहीं बताई है.