कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी के असंतुष्ट धड़े ‘जी 23’ से संपर्क साधने और उनका पक्ष सुनने की कवायद शुरू कर दी है. इसी के तहत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बृहस्पतिवार को राहुल गांधी से मुलाकात की. अब इस समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.
‘जी 23’ समूह से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं ने उन कदमों के बारे में चर्चा की है जो उनके मुताबिक कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जरूरी हैं. उन्होंने यह फैसला भी किया कि वे अपने इस पक्ष से नेतृत्व को अवगत कराएंगे कि उनकी मंशा सिर्फ पार्टी के संगठन को मजबूत करने की है ताकि ‘भारत के विचार (आइडिया ऑफ इंडिया) को बचाया जा सके क्योंकि यह काम सिर्फ कांग्रेस कर सकती है.’
हुड्डा और राहुल की मुलाकात में क्या हुई चर्चा?
‘जी 23’ समूह के नेताओं की ओर से पार्टी में ‘सामूहिक और समावेशी नेतृत्व’ की मांग किए जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को इसके सदस्य हुड्डा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की.
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के साथ उनकी एक घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के दौरान हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी को मजबूत करने के संदर्भ में चर्चा हुई. राहुल गांधी ने हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर बातचीत के लिए बुलाया था.
जी 23 नेताओं को पद देगी कांग्रेस?
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने G 23 नेताओं को अवगत करा दिया है कि वे उन्हें कांग्रेस चुनाव समिति (CEC) और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली संस्थाओं में शामिल करेंगे. साथ ही नेतृत्व ने जी 23 के नेताओं को कांग्रेस हाईकमान और गांधी परिवार के खिलाफ सार्वजनिक बयान नहीं देने की सलाह दी गई. सूत्र ने बताया कि G 23 को कांग्रेस नेतृत्व के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करना है.
इससे एक दिन पहले बुधवार को ही ‘जी 23’ के नेताओं ने रात्रिभोज पर बैठक की थी. हुड्डा भी उस ‘जी 23’ समूह के सदस्य हैं जो पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है. राहुल गांधी के साथ हुड्डा की इस बैठक को गांधी परिवार की ओर से इस समूह के नेताओं से संपर्क साधने और उनका पक्ष सुनने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने बुधवार को आजाद से संपर्क साधा और वह शुक्रवार को सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि हुड्डा ने राहुल गांधी से कहा है कि इस समूह के नेता कोई पद नहीं चाहते, बल्कि वे पार्टी को मजबूत बनाने की सलाह दे रहे हैं.
यह जानकारी भी सामने आई है कि हुड्डा ने राहुल गांधी से कहा कि कपिल सिब्बल के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ‘जी 23’ को स्वीकार नहीं होगी क्योंकि सिब्बल ने सिर्फ कांग्रेस को मजबूत बनाने के बारे में बात की थी.
सिब्बल ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए. इसके बाद गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कुछ नेताओं ने सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले कांग्रेस नेताओं में नया नाम छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव का जुड़ गया है. सिंहदेव ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के फैसले के खिलाफ अपनी व्यक्तिगत और अप्रिय राय को सार्वजनिक करने के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाना चाहिए.
हुड्डा और आजाद की मुलाकात
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद हुड्डा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर उनसे मुलाकात की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा भी आजाद के आवास पर पहुंचे और बैठक में शामिल हुए. बाद में सिब्बल भी आजाद के आवास पर पहुंचे. आजाद, सिब्बल और शर्मा भी ‘जी 23’ समूह में शामिल हैं. माना जा रहा है कि इन नेताओं ने बुधवार को हुई बैठक की पृष्ठभूमि में आगे की रणनीति पर चर्चा की है.
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं ने बुधवार को रात्रिभोज पर बैठक करके हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा की थी और कहा था कि पार्टी के लिए आगे बढ़ने का यही रास्ता है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था हो.
उन्होंने एक बयान में यह भी कहा था कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए एक भरोसेमंद विकल्प पेश करने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत की शुरुआत की जाए.
राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, शंकर सिंह वाघेला, अखिलेश प्रसाद सिंह, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी. जे. कुरियन, राजेंद्र कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा, परनीत कौर और एम. ए. खान शामिल हुए थे.