नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते देखे जाते हैं. हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर अर्थव्यवस्था की स्थिति और बेरोजगारी पर सवाल करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार ने छवि सुधारने में सरकारी पैसे का उपयोग किया है.
ट्वीट कर साधा निशाना
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट कर लिखा ‘‘हमारे देश में आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, चीनी आक्रमकता है. वहीं भारत सरकार करदाताओं का पैसा छवि सुधारने पर लगा रही है.’’ उधर, कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार और रोजगार सृजन के लिए अपनी योजना के बारे में देश को बताना चाहिए.
भारत की रैंकिंग सुधारने के लिए हुआ जनता के पैसे का इस्तेमाल
बता दें कि राहुल गांधी ने जिस खबर का हवाला दिया है उसमें कहा गया है कि मोदी सरकार 29 वैश्विक सूचकांकों पर भारत की रैंकिंग में सुधार करने के लिए काम कर रही है, और यह चाहती है कि संदेश सभी तक स्पष्ट रूप से पहुंचे. खबर में बताया गया है कि सरकारी अधिकारियों के अनुसार, मोदी प्रशासन अपने नियोजित धारणा-ओवरहाल अभ्यास के आसपास एक व्यापक प्रचार अभियान का निर्माण कर रहा है, जिसका उद्देश्य न केवल भारत के प्रदर्शन पर काम करना है, बल्कि कुछ रैंकिंग रूपरेखाओं को इंगित करना है.
कोरोना काल में बुरे हाल में अर्थव्यवस्था
इससे पहले भी राहुल गांधी के एक ट्वीट में वीडियो को शेयर करने के साथ ही केंद्र सरकार के प्रति आक्रामक तेवर देखा जा सकता है. राहुल ने इस ट्वीट के जरिए अर्थव्यवस्था, काले धन, जीएसटी और कोरोना संकट को लेकर अपनी बात रखी थी. उन्होंने इसमें कहा कि संगठित और असंगठित अर्थव्यवस्था के कोरोना वायरस के पहले से ही काफी बुरे हाल में है.
असंगठित अर्थव्यवस्था को मोदी सरकार ने किया खत्मः राहुल
राहुल गांधी ने अपना एक वीडियो ट्वीट कर लिखा, 'स्व. राजीव गाँधी जी की जयंती पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कार्यक्रम के दौरान मेरे संबोधन के कुछ अंश. संगठित और असंगठित अर्थव्यव्स्था का #Covid19 के पहले से ही काफ़ी बुरे हाल है. जब तक पैसा सीधे-सीधे किसानों, मज़दूरों और MSMEs को नहीं दिया जाएगा, स्थिति में सुधार नहीं हो सकता.'
उन्होंने आगे कहा, 'कांग्रेस की जिन राज्यों में सरकार होती है, हम वहां इन दोनों अर्थव्यवस्थाओं को बैलेंस करने का काम करते हैं. अगर देश की असंगठित अर्थव्यवस्था मजबूत है तो वह कोई भी झटका बर्दाश्त कर सकती है. पिछले 6 सालों में नरेंद्र मोदी जी ने असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया है. क्यों किया है, क्योंकि इस असंगठित अर्थव्यवस्था में पैसा है और नरेंद्र मोदी जी इस पैसे को बड़े कारोबारियों के हवाले करना चाहते हैं.''
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