राहुल गांधी का हमला, बोले- बीजेपी की नजर में किसान ‘खालिस्तानी’ और पूंजीपति ‘सबसे अच्छे दोस्त’
दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 20वां दिन है. किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है. किसान आज आंदोलन की आगे की रणनीति तय करेंगे, इसके लिए आज किसान नेताओं की अहम बैठक होनी है. इस बीच केंद्र सरकार की ओर से साफ किया गया है कि किसानों से बातचीत का विकल्प अब भी खुला है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार की नजर में आंदोलनकारी किसान ‘खालिस्तानी’ और पूंजीपति उसके ‘सबसे अच्छे दोस्त’ हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार के लिए विरोध करने वाले छात्र राष्ट्र विरोधी हैं, चिंतित नागरिक अर्बन नक्सल हैं, प्रवासी मजदूर कोरोना फैलाने वाले हैं, बलात्कार की पीड़िता कुछ नहीं हैं और आंदोलनकारी किसान खालिस्तानी हैं. पूंजीपति उसके सबसे अच्छे दोस्त हैं.’’
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के निकट कई स्थानों पर किसान संगठन पिछले करीब तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं. वे इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सरकार के साथ किसान संगठनों की कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही है.
राहुल गांधी का दावा- '17 दिनों में 11 किसान-आंदोलनकारियों ने दम तोड़ा' कांग्रेस ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले कुछ दिनों में 11 किसानों की मौत हो गई और इसके बाद भी केंद्र सरकार का दिल नहीं पसीज रहा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 12 दिसंबर को एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, "कृषि कानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?"
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इसी खबर का उल्लेख करते हुए दावा किया, "पिछले 17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा. सरकार अब भी अन्नदाताओं नहीं, अपने धनदाताओं के साथ क्यों खड़ी है? देश जानना चाहता है- 'राजधर्म' बड़ा है या 'राजहठ'?"
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