नई दिल्ली: आरबीआई ने सोमवार को सरकार को एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये का सरप्लस ट्रांसफर करने का एलान किया. आरबीआई बोर्ड की बैठक में जालान समिति की सिफारिशों को मानते हुए सरकार को बड़ी आर्थिक मदद देने की बात कही गई. इसे लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर 'आर्थिक त्रासदी' को लेकर बेखबर रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि आरबीआई से 'चोरी करने' से अब कुछ नहीं होने वाला है.


गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इसको लेकर बेखबर हैं कि उनके खुद के द्वारा पैदा की गई आर्थिक त्रासदी को कैसे दूर किया जाए.' उन्होंने दावा किया, 'आरबीआई से चुराने से काम नहीं चलने वाला है. यह किसी दवाखाने से बैंड-एड चुराकर, गोली लगने से हुए घाव पर लगाने जैसा है.'


कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या इस पैसे का इस्तेमाल भाजपा के पूंजीपति मित्रों (क्रोनी फ्रेंड्स) को बचाने के लिए होगा. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि क्या यह महज इत्तेफाक है कि आरबीआई से ली जा रही 1.76 लाख करोड़ रुपये की राशि बजट आकलन में 'गायब' राशि के बराबर है.


उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'क्या यह वित्तीय समझदारी है या फिर वित्तीय आत्महत्या है?’’ सुरजेवाला ने सवाल किया, 'क्या इस पैसे का इस्तेमाल भाजपा के पूंजीपति मित्रों (क्रोनी फ्रेंड्स) को बचाने के लिए होगा?’’ इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि आरबीआई से 'प्रोत्साहन पैकेज' लेना इस बात का सबूत है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने यह नहीं बताया कि इस पैसे इस्तेमाल कहां होगा.