Rahul Gandhi: पीएम मोदी के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी में राहुल गांधी, गुजरात में कांग्रेस करेगी ये काम
Rahul Gandhi Disqualification: गुजरात में कांग्रेस राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद एक बड़े पैमाने पर बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध करने की तैयारी कर रही है.
Gujarat Congress: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद पार्टी हमलावर मूड में दिख रही है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर एक के बाद एक हमले के बाद अब कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गढ़ गुजरात में सेंध लगाने की तैयारी में है. सरकार की विफलता उजागर करने के लिए गुजरात कांग्रेस इस महीने राज्य भर में 300 से ज्यादा सम्मेलन का आयोजन करेगी. इस बात की जानकारी पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने शनिवार (01 अप्रैल) को दी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी की योजना दो चरणों में छह से 12 अप्रैल और 15 से 25 अप्रैल के बीच 251 तालुकों, 33 जिलों और आठ मेट्रो केंद्रों में आयोजित करने की है. राहुल गांधी को 20 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच गुजरात आमंत्रित किया गया है.
किया जाएगा विरोध प्रदर्शन
राहुल आखिरी बार 23 मार्च को सूरत के एक अदालत में पेश हुए थे. सूरत कोर्ट ने ही उन्हें मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी. ठाकोर ने कहा कि पुलिस अनुमति देती है या नहीं, इसके बावजूद भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. राज्य में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं देना एक नियम बन गया है.
ठाकोर ने कहा, "लोकतंत्र में, अधिकारियों के लिए आवेदन करने पर विरोध करने की अनुमति देना अनिवार्य है. कांग्रेस ने स्थानीय पुलिस स्टेशनों पर अनुमति के लिए आवेदन करने का फैसला किया है, और अनुमति दी जाए या नहीं, इसके बावजूद अपने कार्यक्रम को जारी रखेगी." पहले चरण में 251 तालुका केंद्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने और समाज के विभिन्न वर्गों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए 6 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे.”
‘बीजेपी को कानून व्यवस्था की परवाह नहीं’
दूसरे चरण में 15 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच जिला और मेट्रो केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए ठाकोर ने कहा कि बीजेपी असामाजिक तत्वों का इस्तेमाल करती है जिन्हें कानून व्यवस्था की परवाह नहीं है. पुलिस संवैधानिक कार्यक्रमों के लिए अनुमति नहीं देती है क्योंकि सरकार को इसके खिलाफ जन लामबंदी का डर है.”