नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और श्रीनगर से सांसद फारुख अब्दुल्ला को हिरासत में रखने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि इससे घाटी में आतंकियों को जगह बनाने में मदद मिलेगी. राहुल ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि कश्मीर का इस्तेमाल शेष भारत के ध्रुवीकरण के लिए किया जा सके.


राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है कि "ये स्पष्ट है कि सरकार फारुख अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को किनारे लगा कर जम्मू कश्मीर में राजनीतिक खालीपन लाने की कोशिश कर रही है जो कि आतंकियों द्वारा भरा जाएगा. इसके बाद शेष भारत का धुर्वीकरण करने के लिए स्थाई रूप से कश्मीर का राजनीतिक औजार के तौर इस्तेमाल किया जाएगा."





राहुल ने एक और ट्वीट में लिखा कि "सरकार को जम्मू कश्मीर में आतंकियों के लिए जगह बनाने पर रोक लगानी चाहिए और जल्द से जल्द सभी राष्ट्रवादी नेताओं को रिहा करना चाहिए".





आजाद जाएंगे कश्मीर :-
इससे पहले राहुल गांधी अगस्त के तीसरे हफ्ते के अंत में विपक्ष के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर पहुंचे थे लेकिन नेताओं को प्रशासन ने एयरपोर्ट से ही बैरंग लौटा दिया. सोमवार को ही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी. आजाद जल्द ही कश्मीर जाएंगे.


जम्मू कश्मीर के विधायक ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की :-
इधर जम्मू कश्मीर के सीपीएम विधायक यूसुफ तारिगामी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि कश्मीर के लोग बन्द के कारण घुटन महसूस कर रहे हैं. तारिगामी ने भी फारुख अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने की निंदा की और कहा कि सरहद पार वाले ताली बजा रहे हैं कि जो हम नहीं कर पाए वो आपने कर दिया. जो आज कश्मीर में हो रहा है वो देश के हित में नहीं हो रहा है. तारिगामी ने कहा कि कश्मीर के लोगों को अपमानित किया गया है. इस कदम से उन लोगों को मदद मिलेगी जो कश्मीर में अस्थिरता चाहते हैं.


वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला की हिरासत निंदनीय है. फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और उनसे पहले शेख अब्दुल्ला उन प्रमुख लोगों में से रहे हैं जिन्होंने भारत के साथ कश्मीर के एकीकरण के प्रयास किए थे.