चीन यात्रा 'बिना एजेंडे वाली', वहां डोकलाम पर बोलें पीएम मोदी: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'आपको मैं कुछ याद दिलाता हूं. पहला मुद्दा डोकलाम का है और दूसरा सीईपीसी का है. सीपीईसी पीओके से गुजर रहा है जो भारत का हिस्सा है.' राहुल गांधी ने कहा, 'भारत आपको इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनना चाहता है. हमारा समर्थन आपके साथ है.'
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि देश पीएम नरेंद्र मोदी को डोकलाम और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनना चाहता है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रिय प्रधानमंत्री, मैंने आपकी 'बिना एजेंडा वाली' चीन यात्रा की लाइव टीवी फीड देखी. आप तनाव में लग रहे थे.'
Dear PM,
Saw the live TV feed of your “No Agenda” China visit. You look tense! A quick reminder: 1. DOKLAM 2. China Pakistan Eco Corridor passes through POK. That’s Indian territory. India wants to hear you talk about these crucial issues. You have our support. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 27, 2018
हमारा समर्थन पीएम मोदी के साथ है: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'आपको मैं कुछ याद दिलाता हूं. पहला मुद्दा डोकलाम का है और दूसरा सीईपीसी का है. सीपीईसी पीओके से गुजर रहा है जो भारत का हिस्सा है.' राहुल गांधी ने कहा, 'भारत आपको इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनना चाहता है. हमारा समर्थन आपके साथ है.'
मोदी-जिनपिंग मुलाकात में सीमा तनाव के साथ कारोबारी रिश्तों को सुलझाने की होगी कोशिश
इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपने हालिया चीन दौरे पर डोकलाम में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर वहां की सरकार से विरोध दर्ज कराने में विफल रहीं. उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों की इस 'विफलता' को स्वीकार करेंगे और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डोकलाम के मुद्दे पर दो टूक बातें करेंगे?
आज सुबह वुहान पहुंचे मोदी, शी ने किया भव्य स्वागत
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह वुहान पहुंचे, जहां राष्ट्रपति शी ने उनका भव्य स्वागत किया. इसके तुरंत बाद दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा , ‘‘ दोनों नेता रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास की समीक्षा करेंगे. ’’
वुहान स्थित हुबेई प्रोविंशियल म्यूजियम में आयोजित सांस्कृतिक समारोह देखने से पहले मोदी और शी ने हाथ मिलाया और तस्वीरें खिंचवाईं. गौरतलब है कि चीन के क्रांतिकारी नेता माओ त्से तुंग छुट्टियों में अकसर वुहान और यहां स्थित ईस्ट लेक आना पसंद करते थे. सूत्रों ने बताया कि हुबेई प्रोविंशियल म्यूजियम में दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत शुरू हुई. इस संग्रहालय में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और सांस्कृतिक पुरावशेष मौजूद हैं.
दोनों नेताओं के बीच इस अनौपचारिक शिखर बैठक को पिछले साल 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध के बाद भारत-चीन संबंधों को सुधारने और विश्वास बहाली के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक मुलाकात 2014 में शुरू हुई थी जब पीएम मोदी ने गुजरात के साबरमती आश्रम में शी की मेजबानी की थी. उसके बाद से दोनों ने कई अंतरराष्ट्रीय बैठकों के दौरान एक-दूसरे से मुलाकात और बातचीत की. लेकिन यह वार्ता दोनों की ‘ खुले दिल से ’ होने वाली अनौपचारिक मुलाकात होगी.