Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) रविवार शाम को धर्मनगरी कुरुक्षेत्र पहुंची. यहां राहुल गांधी ने ब्रह्मसरोवर मंदिर में पहले तीर्थ पूजन किया. इसके बाद महाआरती में शामिल हुए. यहां पराशक्ति वेद पाठशाला संचालक पंडित बलराम गौतम ने राहुल गांधी को विशेष पूजा कराई.
बताते चलें कि 40 साल पहले यहां राहुल गांधी की दादी पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी आई थीं. इसके बाद 39 साल पहले राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी और कुछ साल पहले मां सोनियां गांधी भी यहां आ चुकी हैं.
कुरुक्षेत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोगों से कहा कि उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ समाज में फैलाई जा रही नफरत और भय के साथ-साथ बेरोजगारी एवं महंगाई के खिलाफ है. हम इसे ‘तपस्या’ के रूप में देख रहे हैं. पैदल मार्च तपस्या और आत्म-चिंतन के लिए है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा और आरएसएस 'तपस्या' का सम्मान नहीं करते हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि उनकी 'पूजा' करने वाले लोगों का ही सम्मान हो.
दूसरी बार कुरुक्षेत्र पहुंचे राहुल गांधी
मालूम हो कि राहुल गांधी का कुरुक्षेत्र में यह दूसरा दौरा है. इससे पहले कांग्रेस ने हरियाणा में अक्टूबर 2020 को 'किसान बचाओ-खेती बचाओ' यात्रा निकाली थी. इस दौरान राहुल गांधी खुद ट्रैक्टर चलाते हुए ट्यूकर बॉर्डर से कुरुक्षेत्र में आए थे. वे पिहोवा से होते हुए कुरुक्षेत्र अनाज मंडी पहुंचे थे. यहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया था.
गौरतलब है कि हरियाणा में 21 से 23 दिसंबर तक यात्रा के पहले चरण में 130 किलोमीटर की दूरी तय की गई और यह नूंह, गुरुग्राम तथा फरीदाबाद जिलों से गुजरी थी. इस यात्रा ने उत्तर प्रदेश से बृहस्पतिवार शाम फिर से हरियाणा के पानीपत में प्रवेश किया था. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 30 जनवरी को श्रीनगर में राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के साथ संपन्न होगी.
ब्रह्म सरोवर को लेकर मान्यता
पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण ब्रह्म सरोवर को लेकर मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने जब ब्रम्हांड की रचना की तब यहीं उनकी मुख्य वेदी थी. इसे आदि सरोवर भी कहा जाता है. माना जाता है कि अमावस और सूर्य ग्रहण के समय सभी देवता यहां वास करते हैं.
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