नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि संसदीय समिति की बैठक में उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई. सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने पत्र में लोकसभा अध्यक्ष को दखल देकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि निर्वाचित सांसदों को संसदीय समिति की बैठकों में बिना अवरोध के बोलने का मौका दिया जाए.


क्या है विवाद?


बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सदस्यों ने रक्षा मामले की संसदीय समिति की बैठक से बुधवार को यह आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे की बजाय सशस्त्र बलों की वर्दी के रंग पर चर्चा करने में समय बर्बाद किया जा रहा है.


सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी समिति के समक्ष लद्दाख में चीन की आक्रामकता और सैनिकों को बेहतर उपकरण उपलब्ध कराने से जुड़े मुद्दे उठाने चाहते थे, लेकिन समिति के अध्यक्ष जुएल उरांव (बीजेपी) ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी.


सूत्रों के अनुसार, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की मौजूदगी में समिति की बैठक में सेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मियों के लिए वर्दी के रंग के मुद्दे पर चर्चा की जा रही थी और राहुल गांधी ने कहा कि इस पर चर्चा करने के बजाय नेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों और लद्दाख में तैनात सशस्त्र बलों को मजबूत करने के बारे में चर्चा करनी चाहिए.


बीजेपी का राहुल पर निशाना


राहुल गांधी के इस कदम की बीजेपी ने आलोचना की है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘संवैधानिक संस्थाओं के प्रति उनकी कितनी आस्था है, वह कल दिखा. रक्षा समिति की बैठक से वह बाहर चले गए. यह संसदीय प्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है. राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का आदर करना सीखना चाहिए नहीं तो लोकतंत्र में उनकी भूमिका और नगण्य होती जाएगी.’’


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