Rahul Gandhi Letter To PM Modi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से संबंधित श्रमिकों की 'समस्या' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने पीएम से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि लंबित मजदूरी के भुगतान के लिए केंद्रीय धनराशि जारी की जाए.
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझी की गई पत्र की कॉपी के मुताबिक, यह 10 फरवरी को लिखा गया था. राहुल गांधी ने पत्र में लिखा, ''मैं आपको पश्चिम बंगाल में एमजीआरईजीएस (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) श्रमिकों की विनाशकारी दुर्दशा और न्याय के लिए उनकी निरंतर लड़ाई के बारे में लिख रहा हूं.''
कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, ''भारत जोड़ो न्याय यात्रा के हिस्से के रूप में पश्चिम बंगाल की मेरी हालिया यात्रा के दौरान, पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति के मनरेगा श्रमिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझे उनके सामने आने वाले मुद्दों से अवगत कराया. रिप्रजेंटेशन की एक कॉपी यहां प्रस्तुत है.''
'हमारे लाखों भाइयों-बहनों को काम और मजदूरी से वंचित कर दिया'
राहुल ने लिखा, ''मार्च 2022 से पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय राशि रुकने के कारण हमारे लाखों भाइयों और बहनों को एमजीआरईजीएस के तहत काम और मजदूरी से वंचित कर दिया गया है.''
उन्होंने लिखा, ''मुझे बताया गया कि धन की कमी के कारण कई श्रमिकों को 2021 में पूरे किए गए काम के लिए भुगतान नहीं किया गया है. इसके अलावा, काम पाने वाले परिवारों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जो 2021-22 में 75 लाख से घटकर 2023-24 में 8000 से कम हो गई है. बड़े पैमाने पर यह गिरावट सबसे कमजोर लोगों- महिलाओं और एससी और एसटी परिवारों पर क्रूर रही है. मनरेगा में काम की कमी और लंबित वेतन ने कई लोगों को कठिन विकल्प चुनने, विशेषकर पलायन के लिए मजबूर किया है.''
यूपीए सरकार का किया जिक्र
18 साल पहले, यूपीए सरकार ने हमारे ग्रामीण समुदायों के लिए काम के अधिकार की गारंटी देकर सामाजिक और आर्थिक न्याय का एक नया रास्ता चुना था. कई लोगों के लिए मनरेगा संकट के समय में एकमात्र सुरक्षा का उपाय और एक सुनिश्चित आजीविका स्रोत है.
राहुल गांधी ने की ये मांग
पीएम मोदी को लिखे पत्र में आखिर में राहुल गांधी ने लिखा, ''इस संदर्भ में, मैं केंद्र सरकार से लंबित वेतन के भुगतान के लिए धन जारी करने की सुविधा प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं कि काम की मांग पूरी हो. मेरा मानना है कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय को कायम रखने के लिए अपने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठना हमारा कर्तव्य है.''
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