नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच कच्चे तेल की कीमत में इतिहास की सबसे बड़े गिरावट दर्ज की गई. अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत बोतलबंद पानी से भी कम हो गई है. कच्चे तेल की कीमत शून्य डॉलर के नीचे चली गई. दरअसल कोरोना वायरस की वजह से दुनिया में यात्रा पर पाबंदी है जिससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वॉर से भी मांग में कमी आई है.
अब इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने सरकार से सवाल पूछा है कि अगर दुनिया में कच्चे की कीमतें गिरी है तो हमारे देश में क्यों पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हुए हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया,'' दुनिया में कच्चे तेल की क़ीमतें अप्रत्याशित आंकड़ो पे आ गिरी हैं, फिर भी हमारे देश में पेट्रोल ₹69, डीज़ल ₹62 प्रति लीटर क्यों? इस विपदा में जो दाम घटे, सो अच्छा. कब सुनेगी ये सरकार?''
भारत पर तेल सस्ता होने का असर
कच्चे तेल की भंडारण क्षमता बढ़ाकर भविष्य में लोगों को लाभ दिया जा सकता है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट हो सकती है. मंहगाई दर में कमी हो सकती है. चालू खाता घाटा कम होगा. कच्चे तेल सस्ता होने से भारत की विकास दर बढ़ने का भी अनुमान है.
बता दें कि अमेरिका कनाडा, साउथ कोरिया और भारत समेत 44 देशों को कच्चा तेल निर्यात करता है. आंकड़ों के मुताबिक 2018 में कच्चे तेल और गैस से अमेरिका के पास 181 बिलियन डॉलर का राजस्व इकट्ठा हुआ था. तेल की मांग में कमी की वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा सकती है. अमेरिकी तेल कंपनियों पर कर्ज के बोझ से बैंकिंग और फाईनेंशियल सेक्टर के लिए भी खतरा मंडरा रहा है.