नई दिल्ली: 2019 में पीएम मोदी को हराने के लिए कांग्रेस बिहार औऱ उत्तरप्रदेश पर नज़रे गड़ाए हुए है. कांग्रेस को उम्मीद है कि इन दोनों राज्यों में बीजेपी लोकसभा चुनाव में 2014 का कमाल नहीं दोहरा पाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर रहे राहुल अपनी जीत के लिए आंकड़ों का गणित दुरूस्त करने में लगे हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्य की 120 सीटों के गणित के सहारे ही वो दिल्ली का रास्ता तय करना चाहते हैं. ये दो राज्य की सियासी जमीन उन्हें मोदी को रोकने के लिए सबसे माफिक दिख रही है.


कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व इन राज्यों में गठबंधन को लेकर आश्वस्त हैं. पार्टी को पूरा भरोसा है महागठबंधन होने पर दोनों ही राज्यों में बीजेपी को करारी शिकस्त मिलेगी. दरअसल, 2014 लोकसभा चुनाव के बाद बिहार और यूपी में हुए चुनावों में एकजुट विपक्ष (महागठबंधन) को बड़ी सफलता मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आक्रामक चुनाव प्रचार के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा, वहीं यूपी के उपचुनावों में बीजेपी गोरखपुर, फुलपूर और कैराना जैसी सीट भी गंवा दी. अगर इन दो राज्यों में बीजेपी को सीटें नहीं मिली तो फिर वो 280 तक के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगी. ऐसे में मोदी प्रधानमंत्री पद पर काबिज नहीं हो पाएंगे. मोदी को रोकने की रणनीति के तहत ही कांग्रेस गठबंधन के किसी सहयोगी दल के नेता को भी प्रधानमंत्री बनाने के लिए खुद को तैयार कर रही है. माना जा रहा है राहुल गांधी अपनी दावेदारी से पीछे हट मायावती औऱ ममता बनर्जी पर भी दांव लगा सकते हैं.


2014 लोकसभा चुनाव में बिहार और यूपी में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया था. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 40 में से 22, उसके गठबंधन सहयोगी एलजेपी को 6 और आरएलएसपी को तीन सीटें मिली थी. वहीं अकेले लड़ी कांग्रेस को दो, एनसीपी को एक और आरजेडी को चार और जेडीयू को 2 सीटें मिली थी. सूत्रों ने बताया कि राहुल आगामी चुनाव में कांग्रेस, आरजेडी, वामदल और हम के महागठबंधन को लेकर अभी से आश्वस्त हैं. बिहार कांग्रेस के नेता कई बार बीजेपी के सहयोग से मुख्यमंत्री बने जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार पर भी डोरे डाल चुके है. बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू (महागठबंधन) साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. महागठबंधन का फॉर्मूला कामयाब रहा था. हालांकि नीतीश ने बाद में महागठबंधन से हाथ खींच लिया और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.


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राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. जहां बीजेपी को हराना बड़ी चुनौती है. कांग्रेस अध्यक्ष का मानना है कि उपचुनावों की तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन (कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आरएलडी+) बनेगा और बीजेपी का विजय रथ रोका जाएगा. 2014 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष परिवार तक सिमट गई थी. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगियों ने 73 सीटें जीती थी. वहीं समाजवादी पार्टी पांच और कांग्रेस मात्र दो सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी.


इसके अलावा पार्टी ने गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को लेकर भी प्लान तैयार कर लिया है. इन राज्यों में मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला रहता है. पार्टी को उम्मीद जताई है कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस अधिक सीटें जीतेगी. फिलहाल गुजरात की सभी 26 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.
पार्टी नेतृत्व को उम्मीद कि पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में यहां ज्यादा सीटें जीतेगी. वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजों और सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि 2019 के चुनावी नतीजे मोदी की वापसी का रास्ता रोक देंगे.


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