कानून के तहत राहुल की सदस्यता रद्द हुई, सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दी थी चेतावनी, पढ़ें क्या कुछ बोले गजेंद्र सिंह शेखावत
Gajendra Singh Shekhawat On Rahul: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल की सदस्यता रद्द किए जाने के मामले पर कहा, वो बार-बार बड़ी गलती करते हैं.
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Gajendra Singh Shekhawat: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता रद्द होने पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, कानून के तहत लोकसभा से उनकी सदस्यता समाप्त हुई. लेकिन, कांग्रेस के ऐसे लोग जिसके लिए गांधी परिवार सब कुछ है वो हाहाकार करते हुए नजर आ रहे हैं.
शेखावत बोले, राहुल गांधी बार-बार ये काम कर रहें हैं. 2019 में भी अनर्गल आरोप लगाए और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद माफी मांगनी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसी टिप्पणी से बचना चहिए लेकिन हर बार से ज्यादा उन्होंने बड़ी गलती की है. न्यायालय ने इस बार बार भी माफी मांगना का विकल्प दिया लेकिन राहुल गांधी ने न्याय पालिका का अनादर किया.
गांधी परिवार अपने आप को... - गजेंद्र शेखावत
केंद्रीय मंत्री आगे बोले, कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप और नेता का न संविधान में विश्वास बचा है न संस्था में. देश के पीएम के लिए जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करना और पूरे ओबीसी वर्ग का अपमान करना ये करते हैं. शेखावत बोले, कानून के तहत लोकसभा के अध्यक्ष के पास विवेकाधिकार नहीं है कि वो कोई फैसला करे. कानून के तहत ही फैसला हुआ है लेकिन फिर जिस तरीके की टिप्पणियां की गई ये दिखाता है कि गांधी परिवार अपने आप को क्लास अपार्ट समझता है.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने यहां तक कह दिया कि गांधी पारिवार के लिए अलग कानून होना चहिए. ये संविधान की संस्थाओं का अपमान है. लोकतांत्रिक व्यस्थाओं का अपमान किया है. राज्यसभा के चेयरमैन ने अपने कक्ष में बातचीत का निमंत्रण दिया तो उससे चेयर पर बैठे-बैठे कहा कि हम नहीं आएंगे.
राज्यसभा के सभापति पार्टी लीडर हैं...
फिर जयराम रमेश ने कहा कि 'He is a Cheerleader', सुप्रिया श्रीनेत ने कहा राज्यसभा के सभापति पार्टी लीडर हैं. इस तरह की टिप्पणी इंलोगो की मानसिकता को दिखाता है. इनको संविधान पर विश्वास और व्यस्था पर विश्वास नहीं है. अंबेडकर और गांधी का अपमान है.
आजकल देश में होड़ मची है जो लोग भ्रष्ट्राचार के आरोप में जेल जा रहें हैं. चाहे लालू, सिसोदिया हो या राहुल ये लोग अपनी तुलना गांधी और सावरकर से करते हैं. राहुल गांधी ने वीर सावरकर का अपमान किया. जिन लोगों ने आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर किया उनको चाहने वालों की भावनाएं आहत की. राहुल गांधी को अगर सावरकर को जानना है तो अंडमान की उस जेल में जाकर 5 मिनट बैठिए तो आप महसूस करेंग जो यातनाएं सावरकर ने झेली. इतने दशक बीत जाने के बाद भी उनकी यातनाएं महसूस की जा सकती हैं. तब आपको सावरकर का संघर्ष समझ आएगा.
ऐसे वीर का अपमान करने से पहले 7 बार सोचना चहिए आपको वहां जाकर माफी मांगना चहिए और उन करोड़ों लोगों से भी जिनकी भावनाएं आहत हुईं. राहुल गांधी अपने आप को एलिट समझते हैं इसीलिए देश का अपमान देश के बहार करते हैं. सेना के अदम्य साहस पर सवाल उठाते है और मनोबल गिराते हैं. प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के लोगों की खिल्ली उड़ाते हैं. चीन से अपनी पार्टी के लिए चंदा हासिल करते हैं. लोकतंत्र के सभी स्तंभों को चुनौती देकर अपने आप को उनसे ऊपर दिखाना चाहते हैं. जब लालू यादव की सदस्यता गई तो तब सारा विपक्ष की आवाज कहां गई थी.
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