BJP MLA Rahul Narwekar: महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठापटक और विधानसभा स्पीकर को लेकर चल रहे सियासी खींचतान के बीच महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर का चुनाव कर लिया गया है. बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) को चुन लिया गया है. राहुल के जीत के लिए 145 वोट की जरूरत थी जबकि समर्थन में कुल 164 वोट मिले हैं. 


बता दें कि राहुल राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं. बीजेपी विधायक नार्वेकर का शिवसेना (Shiv sena) और एनसीपी (NCP) से गहरा नाता रहा है. नार्वेकर NCP के वरिष्ठ नेता रामराजे निम्बलाकर के दामाद भी हैं, नाइक इस वक्त महाराष्ट्र विधान परिषद में सभापति हैं. नार्वेकर महाराष्ट्र के कोलाबा विधानसभा सीट से विधायक हैं. वहीं स्पीकर का पद पिछले साल कांग्रेस नेता नाना पटोले (Nana Patole) के इस्तीफे के बाद से ही खाली पड़ा था. 


राहुल नार्वेकर सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष बने हैं और वह पहली बार विधानसभा में जीतकर पहुंचे हैं. राहुल मुंबई के कुलाबा विधानसभा सीट से विधायक है और इससे पहले वह NCP से विधान परिषद सदस्य रह चुके है. उन्होंने आदित्य ठाकरे के साथ युवा सेना में भी काम किया है. इसके अलावा नार्वेकर  बॉम्बे हाई कोर्ट में वकील भी है.


वहीं उनका वकील होना भी बीजेपी अध्यक्ष बनाने के कारणों में एक है. दरअसल राहुल नारवेकर क़ानून के अच्छे जानकार हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में क़ानूनी मुद्दों से बचने के लिए राहुल नार्वेकर बीजेपी के खेवनहार के रूप में सामने आएंगे. एकनाथ शिंदे सरकार ने रणनीति के तहत ये फैसला किया है. एकनाथ शिंदे सरकार ने रणनीति के तहत ये फैसला किया है.


साल 2019 में बीजेपी में हुए शामिल


45 साल के राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे. वह पेशे से वकील है. उनके पिता सुरेश नार्वेकर, बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद थे. वहीं उनके भाई मकरंद BMC के वार्ड नंबर 227 से दूसरी बार पार्षद बने हैं. उनकी भाभी हर्षता भी बीएमसी के वार्ड नंबर 226 से पार्षद हैं.  बीजेपी ने उन्हें साउथ मुंबई की कोलाबा विधानसभा से मैदान में उतारा था, जहां उन्होंने जीत दर्ज की थी. राहुल नार्वेकर इस वक्त प्रदेश बीजेपी के मीडिया इंचार्ज भी हैं.


शिवसेना और एनसीपी में भी रहे राहुल


बता दें कि बीजेपी में शामिल होने से पहले राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) 15 साल तक शिवसेना में रह चुके हैं. साल 2014 में राहुल राज्य विधान परिषद का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन, शिवसेना ने इनकार कर दिया. यही वजह रही की वह शिवसेना से इस्तीफा देकर शरद पवार (Sharad Pawar) की अगुआई वाली एनसीपी में शामिल हो गए. 2014 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के दौरान वह NCP के टिकट पर मावल सीट से मैदान में उतरे थे, लेकिन जीत नहीं पाए. उसके बाद उन्होंने बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया, और कोलाबा से विधायक बने.


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