प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में नागपुर में कुछ जगहों पर छापेमारी की है. वहीं इससे पहले ईडी ने मुंबई के एक बार के मालिक का बयान भी दर्ज किया था और कुछ और लोगों को समन भी जारी किया था. दरअसल मुंबई के एक्स कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने बर्खास्त सहायक इंस्पेक्टर सचिन वाजे और अन्य पुलिसकर्मियों को बार मालिकों से 100 करोड़ रुपये वसूलने का टारगेट दिया था. वहीं इससे पहले ईडी ने जयश्री पाटिल नाम की याचिकाकर्ता का बयान भी दर्ज किया था और न्यायाधीश के सामने पेश किया था. इसी सिलसिले में ईडी अब और ज्यादा सतर्कता दिखा रही है और नागपुर में संदिग्ध जगहों पर तलाशी ले रही है.


अनिल देशमुख के करीबियों से हो रही पूछताछ


सूत्रों के मुताबिक ईडी की टीम ने देशमुख के करीबी सहयोगियों के आवासों और कार्यालयों की तलाशी ली थी और इसके लिए कम से कम तीन अलग अलग स्थानों पर छापेमारी की गई थी. वहीं जांच में एक अनुभवी राजनेता के साथ कुछ वित्तीय लेनदेन सामने आया है, जिसकी जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो कर रही है.


सीबीआई की प्राथमिकी पर दर्ज हुआ था मामला


ईडी ने सबसे पहले सीबीआई की दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अनिल देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था. वहीं जांच में अनिल देशमुख के तीन सहयोगी भी ईडी के रडार पर आ गए थे और इनका संबंध  राकांपा नेता और उनके परिवार के सदस्यों के साथ होने की जानकारी मिली थी.


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