आज भी नहीं चल सकी पंजाब में रेल, 22 स्थानों पर अभी पटरियों पर बैठे हैं आंदोलनकारी
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने उम्मीद जताई थी कि शुक्रवार को किसी समय गुड्स और यात्री ट्रेनें चल सकती हैं. लेकिन आज शाम तक पंजाब में 31 में से सिर्फ़ 9 ब्लॉकेड ही हटाए जा सके थे. पंजाब के 22 स्थानों पर अब भी किसान आंदोलनकारी रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं.
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पंजाब के मुख्यमंत्री ने पत्र लिख कर कल रेल मंत्री को आश्वासन दिया था कि रात भर में पंजाब के उन सभी स्थानों से आंदोलनकारियों को हटा लिया जाएगा जहां वो पटरियों पर बैठे हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने उम्मीद जताई थी कि शुक्रवार को किसी समय गुड्स और यात्री ट्रेनें चल सकती हैं. लेकिन आज शाम तक पंजाब में 31 में से सिर्फ़ 9 ब्लॉकेड ही हटाए जा सके थे. पंजाब के 22 स्थानों पर अब भी किसान आंदोलनकारी रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं.
पंजाब सरकार ने बीती रात ही रेल ट्रैक ख़ाली कराने का दिया था भरोसा
गुरुवार को पंजाब के गृह सचिव ने भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को फ़ोन कर कहा था कि रात भर में पंजाब के सभी स्थानों में किसानों को रेल पटरियों से हटा लिया जाएगा. ऐसे में रेलवे ने भी फ़ौरन ट्रेनें चलाने की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन अब तक 31 में से सिर्फ़ 9 स्थानों पर ही रेल ट्रैक ख़ाली कराए जा सके हैं. फ़िलहाल जिन 9 स्थानों पर रेल पटरियों को ख़ाली कराया गया है वहाँ ट्रैक मेंटेनेंस का काम शुरू करा दिया गया है.
ट्रेन चलाने की आचार संहिता
रेलवे का कहना है कि पंजाब में इतने अधिक स्थानों पर ट्रैक ब्लॉकेड है कि वहाँ टुकड़ों में रेल चलाने का जोखिम नहीं लिया जा सकता. ऐसा नहीं हो सकता. ऐसा नहीं हो सकता कि हमें सब्ज़ियाँ ले जाने की इजाज़त मिले और पेट्रोलियम के जाने की इजाज़त न दी जाय. जब तक पंजाब सरकार सभी तरह की गुड्स ट्रेनों और यात्री ट्रेनों को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन नहीं देती तब तक कोई भी रेल नहीं चलाई जा सकती.
पंजाब में एसेंशिएल सेवाओं की कमी
पंजाब राज्य में चल रहे किसान आंदोलन ने, विशेष रूप से रेल संपत्ति को लक्षित करके, पिछले एक महीने से राज्य में यात्री और माल गाड़ी सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है. परिणामस्वरूप, राज्य को अब कोयले, उर्वरक, सीमेंट, पेट्रोलियम पदार्थों, कंटेनर और स्टील की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे थर्मल पावर प्लांट और अन्य उद्योगों के कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ा है.
अब तक रेलवे को 1200 करोड़ का नुक़सान
पंजाब में 1 अक्टूबर से ही ट्रेनों का चक्का जाम है. इसकी वजह से पिछले 36 दिनों में रेलवे को 1200 करोड़ रूपए से अधिक का नुक़सान हो चुका है. 2200 से ज़्यादा गुड्स ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं जबकि 1300 से ज़्यादा यात्री ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा है. रोज़ाना 70 यात्री ट्रेनों को निरस्त किया जा रहा है.
पंजाब के सांसदों ने की रेल मंत्री से मुलाक़ात
पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन के चलते रेलवे को हर रोज़ भारी नुक़सान उठाना पड़ रहा है. पिछले एक महीने से पंजाब में फ़्रेट और यात्री दोनों ही तरह की ट्रेनें ठप हैं. इससे पंजाब की आर्थिक स्थिति भी ख़राब हो रही है. इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को पहले पंजाब बीजेपी के सांसदों के एक दल ने रेल मंत्री से मुलाक़ात की और फिर पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने भी रेल मंत्री से मुलाक़ात की. इसी के बाद पंजाब सरकार ने ट्रैक ख़ाली कराने का एलान किया था.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने जताई उम्मीद
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने आज एक प्रेस कॉनफ़्रेंस करके कहा कि अभी तक ट्रेनें नहीं चलाई जा सकी हैं लेकिन हम पंजाब सरकार के लगातार सम्पर्क में हैं. ऐसे में रेलवे को एक बार फिर से उम्मीद है कि कल सुबह मेंटेनेंस चेक होने के बाद दोपहर से गुड्स और यात्री ट्रेनें फिर शुरू की जा सकेंगी. 36 दिन बाद पंजाब में फिर से शुरू हो रही ट्रेनों से रेलवे और पंजाब की आर्थिक स्थिति फिर से पटरी पर लौट सकेगी.
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