(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चीन के BRI प्रोजेक्ट से कैसे अलग है नया इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रस्तावित इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) एक सकारात्मक पहल है. जी20 सम्मेलन में शनिवार को भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूनियन संघ ने IMEC का ऐलान किया था.
जी 20 सम्मेलन में भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूनियन संघ ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर की घोषणा बाद से चीन के मेगा प्लान बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. इस घोषणा को बीआरआई से मुकाबला करने के मकसद से काफी अहम माना जा रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि यह कॉरिडोर चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट से काफी अलग होगा. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट राजस्व लेकर आएगा और विश्वसनीय होगा. वहीं, चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट की बात की जाए तो इसने कई देशों को कर्ज में डूबा दिया है.
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह एक सकारात्मक पहल है और सभी देशों को साथ लाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का विजन इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है. वैष्णव ने बताया कि बीआरआई प्रोजेक्ट पर कई शर्तों के साथ काम चल रहा है. वहीं, शिपिंग और रेल के जरिए एशिया, मिडिल ईस्ट और यूरोप को जोड़ने वाले आईएमईसी कॉरिडोर के जो भी देश हिस्सा हैं उनकी जरूरतों का ख्याल रखा जाएगा और हर देश अपनी जरूरत को देखते हुए फैसला लेगा.
अश्विनी वैष्णव ने बताईं IMEC की खासियत
वैष्णव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट इतना विश्वसनीय होगा कि कई बहुपक्षीय संस्थानों ने इसमें इन्वेस्ट करने की इच्छा जताई है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन के जरिए काफी रेवेन्यू आएगा, जिससे मेजबान देशों पर भी भार नहीं पड़ेगा और न ही कर्ज का सामना करेंगे. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट कंसीव करने की शुरुआत में ही कहा था कि हर देश की जरूरतों के हिसाब से प्रोजेक्ट को डेवलप करना है. पिछले 10 सालों को देखें थे यूरोपियन देश बीआरआई को लेकर आशंकित हैं, जबकि इटली ने भी प्रोजेक्ट से बाहर जाने के संकेत दिए हैं. सिर्फ जी7 देश ही इसके साथ हैं. वहीं, ऐसी भी चर्चाएं हैं कि इस प्रोजेक्ट के चलते कई देश कर्ज का सामना कर रहे हैं.
चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट पर 10 साल से चल रहा काम
9 सितंबर को दिल्ली में जी20 सम्मेलन से इतर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, जोर्डन, इजरायल और यूरोपियन यूनियन ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर का ऐलान किया था. व्यापार, ऊर्जा संसाधनों की डिलीवरी और डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के मकसद से इसकी घोषणा की गई. बीआरआई प्रोजेक्ट को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साल 2013 में शुरू किया था. इसके जरिए पूर्वी एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ने पर काम चल रहा है.