नई दिल्लीः भारतीय रेल में सफर करने वालों के लिए स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करना कोई नई बात नहीं क्योंकि सालों से ट्रेन देरी से चलती रही है और अभी भी हालात बहुत ज्यादा नहीं सुधरे हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब रेलवे ट्रेन के एसी क्लास में सफर करने वाले लोगों के इंतजार को आरामदायक बनाने की योजना पर काम कर रहा है. रेलवे की योजना की शुरुआत हो रही है नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और दिल्ली के ही निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से.

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इस योजना के तहत रेलवे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एसी क्लास के वेटिंग रूम को और आधुनिक बनाने की तैयारी कर रहा है हालांकि इसके लिए रेलवे मामूली शुल्क लेने की बात भी कर रहा है जो 10 रु प्रति घंटे तक का हो सकता है. रेलवे के मुताबिक इस योजना पर काम शुरु हो चुका है, प्राइवेट कंपनी के साथ पार्टनरशिप करने को लेकर टेंडर जारी कर दिए गए हैं और जल्द ही वेटिंग रूम रूम के आधुनिकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा.

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हालांकि कुछ समय पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ये बयान दे चुके हैं कि रेलवे के निजीकरण का काम नहीं किया जा रहा है लेकिन ये भी माना जा सकता है कि धीरे-धीरे रेलवे की कई सेवाओं का निजीकरण करके रेलवे को पूरी तरह से नहीं लेकिन काफी हद तक सेवाओं के माध्यम से निजी हाथों में देने का काम दिया जा सकता है.

इस योजना के तहत रेलवे प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर एसी वेटिंग रूम को और ज्यादा आधुनिक करने की योजना बना रहा है इसके तहत

  • वेटिंग रूम का वातावरण स्वच्छ रखने.

  • शौचालयों को और ज्यादा साफ सफाई के साथ रखने

  • महिलाओं के लिए खास इंतजाम

  • नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए इंतजाम

  • वेटिंग रुम के अंदर खाने के स्टॉल लगाने

  • हेल्प डेस्क और ट्रेवल डेस्क का इंतज़ाम

  • अच्छे फर्नीचर की सुविधा

  • सिर्फ अधिकृत लोगों को ही अंदर बैठने की अनुमति

  • दमदार एसी की सुविधा जैसी तमाम और सुविधाओं को देने की योजना पर काम किया जा रहा है.


फिलहाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इस योजना को अमल में लाने का काम शुरु भी हो चुका है. हालांकि अभी तक निजी कंपनियों के साथ करार नहीं हुआ है लिहाज़ा रेलवे शुरुआती काम को खुद ही करवा रहा है और जब एक बार कंपनी के साथ करार हो जाएगा तो आगे का काम निजी कंपनी आगे बढ़ाएगी.

रेलवे स्टेशन के फर्स्ट कलास वेटिंग रूम को आधुनिक बनाने का काम शुरु हो चुका है और लोगों को पैसा देने में भी ऐतराज भी नहीं है बशर्ते उसके ऐवज में उनको वो सुविधा मिले जिसका रेलवे दावा कर रहा ह. रेलवे की मानें तो अभी तो ये योजना दिल्ली के दो स्टेशनों पर लागू करने की है पर इस योजना को आने वाले दिनों में देश के अलग अलग स्टेशनों पर लागू किया जा सकता है लेकिन वो इस योजना की सफलता और यात्रियों की प्रतिक्रिया को देखकरतय किया जाएगा.

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