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पटरी पर खड़े लोगों की लापरवाही का नतीजा है अमृतसर हादसा, रेलवे की गलती नहींः रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 अक्टूबर को शाम छह बजकर 55 मिनट पर फिरोजपुर मंडल के अमृतसर के निकट जौड़ा फाटक पर हुआ ट्रेन हादसा उन लोगों की लापरवाही का नतीजा है जो दशहरा का मेला देखने के लिए पटरी पर खड़े थे.
नई दिल्लीः अमृतसर में हुए रेल हादसे के लिए गुरुवार को रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने दशहरा समारोह देखने के मकसद से रेलवे पटरियों पर खड़े लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है. इस हादसे में 60 लोग ट्रेन की चपेट में आने से मारे गए थे. मामले की अस्थायी जांच रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है.
मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त एस के पाठक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘तथ्यों और साक्ष्यों पर सावधानी पूर्वक गौर करने के बाद मैं इस अनन्तिम निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि 19 अक्टूबर को शाम छह बजकर 55 मिनट पर फिरोजपुर मंडल के अमृतसर के निकट जौड़ा फाटक पर हुआ ट्रेन हादसा उन लोगों की लापरवाही का नतीजा है जो दशहरा का मेला देखने के लिए पटरी पर खड़े थे. रिपोर्ट में उन्होंने दुर्घटना को "रेलवे लाइन के पास जनता द्वारा काम करने में त्रुटि" के रूप में वर्गीकृत किया है और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए कई सिफारिशें की हैं.
अमृतसर रेल हादसे की जांच कर रहे रेलवे सेफ़्टी के चीफ़ कमिश्नर (सीसीआरएस) नॉर्दर्न सर्किल ने अपनी जांच रिपोर्ट सिविल एविएशन मंत्रालय को सौंप दी है. सीसीआरएस सिविल एविएशन मंत्रालय के अंतर्गत ही आते हैं. अपनी रिपोर्ट में सीसीआरएस ने रेलवे को निर्दोष क़रार देते हुए इस हादसे के लिए उन लोगों की लापरवाही को ही जिम्मेदार माना है जो दशहरा मेला देखने के लिए अमृतसर के धोबीघाट के पास रेल ट्रैक पे खड़े थे.
19 अक्टूबर दशहरा के दिन अमृतसर में रावण दहन देख रहे लोगों के ऊपर से ट्रेन निकल गई थी और इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई थी. अमृतसर जैसी दुर्घटना रोकने के लिए उत्तर रेलवे ने ट्रेन ड्राइवरों और गार्डों को रेलमार्गों के नजदीक भीड़ नजर आने या किसी उत्सव से संबंधित समारोह का पता चलने पर ट्रेन की रफ्तार कम करने और जो भी संभव हो सुरक्षा उपाय अपनाने का निर्देश भी दिया.
कैसे हुआ हादसा?
अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रावण दहन देखने के लिए करीब 300 लोग इकट्ठा हुए थे. जब रावण को जलाया गया तब पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. शाम करीब 7 बजे जोड़ा फाटक से डीएमयू ट्रेन गुजरी, ये डीएमयू ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी. ये ट्रेन ट्रैक पर खड़े लोगों को कुचलती चली गई. रावण दहन के वक्त पटाखों की आवाज में ट्रेन के आने का पता नहीं चला और दर्दनाक हादसा हो गया.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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