नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि रेल मंत्रालय का रेलवे स्टेशनों को निजी क्षेत्र को सौंपने का कोई इरादा नहीं है और स्टेशनों का स्वामित्व रेलवे के पास ही रहेगा. लोकसभा में संगम लाल गुप्ता के प्रश्न के लिखित उत्तर में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेल मंत्रालय सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत निजी क्षेत्र के सहयोग से रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिये प्रयासरत है.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने कहा कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य अंतिम चरण में है. गोमतीनगर स्टेशन का पुनर्विकास कार्य प्रक्रियाधीन है.
रेल मंत्री ने बताया कि आठ रेलवे स्टेशनों नागपुर, अमृतसर, साबरमती, ग्वालियर, पुदुचेरी, तिरूपति, नेल्लोर और देहरादून के लिये अर्हता संबंधी अनुरोध को अंतिम रूप दे दिया गया है.
गोयल ने कहा कि तीन रेलवे स्टेशनों नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई और केरल के एर्णाकुलम के लिये अर्हता संबंधी अनुरोध आमंत्रित किये गए हैं. उन्होंने बताया कि सफदरजंग और अजनी (नागपुर) स्टेशनों के पुनर्विकास के लिये ठेके प्रदान किये गए हैं.
इससे पहले मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि रेलवे भारत की संपत्ति है और उसका कभी निजीकरण नहीं होगा. उन्होंने साथ ही कहा कि यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, रेलवे के जरिये अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले...ऐसे कार्यो के लिये निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा.
क्या रेलवे का निजीकरण होगा? इस सवाल पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार का रुख किया साफ