'वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में मिलने वाली रियायत बहाल नहीं होगी', लोकसभा में रेल मंत्री का बड़ा ऐलान
वरिष्ठ नागरिकों समेत कई अन्य श्रेणी के यात्रियों को रेल किराए में मिलती रही छूट मार्च 2020 से बंद है. मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन लगाया गया था.
देश के करोड़ों वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बुरी ख़बर है. रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए बताया है कि रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट पर लगी पाबंदी फिलहाल जारी रहेगी. मतलब ये हुआ कि पाबंदी के हटने का इंतजार कर रहे हैं वरिष्ठ नागरिकों को फ़िलहाल पूरा रेल किराया ही देना पड़ेगा.
वरिष्ठ नागरिकों समेत कई अन्य श्रेणी के यात्रियों को रेल किराए में मिलती रही छूट मार्च 2020 से बंद है. मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन लगाया गया था जिसके चलते रेल यात्रा पूरी तरह स्थगित कर दी गई थी. उसके बाद रेल यात्रा तो शुरू हो गई लेकिन किराए में मिलने वाली रियायत केवल तीन श्रेणियों के यात्रियों के लिए ही बहाल की गई है. इनमें चार तरह के दिव्यांगजन , 11 तरह की बीमारियों से ग्रसित मरीज़ और छात्र शामिल हैं.
लॉकडाउन के कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई थी
अपने लिखित जवाब में रेल मंत्री ने बताया है कि कोरोना के चलते हुए लॉक डाउन और उसके बाद ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई थी जिसका असर रेलवे की कमाई पर भी पड़ा है. जवाब के मुताबिक़ 2019-20 की तुलना में 2020-21 के दौरान रेलवे को यात्रियों के ज़रिए होने वाली कमाई में काफ़ी कमी दर्ज़ की गई है. रेल मंत्री ने साफ़ साफ़ कहा है कि चूंकि टिकट भाड़े में मिलने वाली रियायत से रेलवे पर बड़ा बोझ पड़ता है लिहाज़ा वरिष्ठ नागरिकों समेत कुछ अन्य श्रेणियों के यात्रियों को मिलने वाली छूट पर लगी पाबंदी फ़िलहाल जारी रहेगी.
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