नई दिल्ली: भारतीय रेलवे की हालत भले ही ठीक न चल रही हो लेकिन उसको ठीक करने के लिए शासन और प्रशासन का काम जोर-शोर से चल रहा है. रेलवे की टिकट बुकिंग में कई दिक्कतें आती हैं. ऐसे में रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग नियमों कुछ बदलाव किए हैं जिससे अब जरूरतमंद लोगों को भी टिकट मिल सकता है. अब एक यूजर आईडी से एक महीने में छह टिकट बुक कर सकते हैं और अगर आधार वेरिफाइड है तो 12 टिकट बुक कर पाएंगे.
शुरू के 30 मिनट तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकते हैं रजिस्टर्ड ट्रैवल एजेंट
हालांकि, 8 बजे से 10 बजे के बीच सिर्फ दो टिकट बुक कर पाएंगे. साथ ही क्विक बुक सर्विस सुबह 8 से 12 बजे के बीच नहीं मिलेगी. लॉगिन, पैसेंजर डिटेल और पेमेंट के वेब पेजेज में कैप्चा भरना होगा. एक आईडी से सुबह 10 से 12 के बीच एक दिन में केवल 2 टिकट ही बुक किए जा सकते हैं. तत्काल टिकट बुकिंग के दौरान एक समय पर दो स्टेशन के बीच छह सीटें बुक की जा सकती हैं. एक सेशन में केवल एक टिकट ही बुक किया जा सकता है. एजेंट सुबह 8 से 8:30 के बीच, 10 से 10:30 के बीच और 11 से 11:30 के बीच टिकट बुक कर सकते हैं. रजिस्टर्ड ट्रैवल एजेंट शुरू के 30 मिनट तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकते हैं. ये कदम फर्जी टिकट बुकिंग रोकने के लिए उठाया गया है.
टिकट बुकिंग के जानकारी भरने के लिए कुल समय कम से कम 25 सेकेंड का होगा
ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान यात्री की जानकारी भरने के लिए लगने वाला कुल समय कम से कम 25 सेकेंड का होगा. वहीं पैसेंजर पेज और पेमेंट पेज पर कैप्चा भरने के लिए कुल समय कम से कम पांच सेकेंड का होगा. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पहले बहुत से ट्रेवल एजेंट पहले से भरे हुए फ़ॉर्म और कैप्चा का इस्तेमाल करके आम लोगों की तुलना में कई गुना टिकट बुक करा लेते थे. नेट बैंकिंग के जरिए पेमेंट करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP) का इस्तेमाल करना होगा. हालांकि पीक आवर में वेब साइट के ओवर लोड होने की समस्या का कोई हल अभी रेलवे नहीं निकाल पाई है.
कई ट्रेनों के टिकटों को भी सस्ता किया है
इसके अलावा रेलवे ने यात्रियों को राहत देते हुए कई ट्रेनों के टिकटों को भी सस्ता किया है. राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेन के टिकट की कीमतें कम हो गई हैं. दरअसल सरकार ने ट्रेन में बिकने वाले खाने पीने के सामान और टिकट के साथ बुक किए जाने वाले मील पर लगने वाले टैक्स को कम कर दिया है. हाल ही में वित्त मंत्रालय ने जीएसटी को लेकर एक लेटर जारी किया था. इसमें कहा गया था कि रेलवे स्टेशन और ट्रेन में मिलने वाले खाने पीने के सामान पर केवल 5 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. ट्रेन में खाने पीने के सामान पर 18 फीसदी जीएसटी लगता था.