Railway Recruitment Exam: नौकरी के लिए निकाला जुगाड़, दोस्त के अंगूठे पर लगाई अपनी खाल, कहानी पढ़कर चकरा जाएगा दिमाग
Railway Recruitment Exam: रेलवे में नौकरी पाने के लिए एक अभ्यर्थी ने ऐसी चाल चली, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. सेनिटाइजर ने उस धोखाधड़ी की पोल खोल दी.
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Railway Recruitment Exam: रेलवे की नौकरी (Railway Jobs) पाने के लिए एक अभ्यर्थी ने ऐसा कारनामा किया, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. शख्स ने अपने अंगूठे की खाल को गर्म तवे पर रखकर हटाया और फिर उस खाल को अपने दोस्त के अगूंठे पर चिपका दिया ताकि वह परीक्षा से पहले बायोमिट्रिक सत्यापन (Biometric Verification) की प्रक्रिया से गुजर जाए और उसकी जगह भर्ती परीक्षा में बैठ पाने में सफल हो सके, लेकिन उसकी चाल कामयाब नहीं हो सकी और उसकी पोल खुल गई.
सेनिटाइजर ने खोल दी धोखाधड़ी की पोल
एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस फर्जी अभ्यर्थी के अंगूठे पर चिपकाई गई खाल तब निकल गई जब 22 अगस्त को गुजरात के वडोदरा में आयोजित रेलवे भर्ती परीक्षा (Railway Recruitment Exam)से पहले बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान परीक्षा पर्यवेक्षक ने उसके हाथ पर सैनेटाइज़र छिड़का. सैनिटाइजर छिड़कते ही सटी हुई चमड़ी निकल गई और धोखाधड़ी की पोल खुल गई.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त एस. एम. वरोतारिया ने बताया कि वडोदरा पुलिस ने असली अभ्यर्थी मनीष कुमार और नकली अभ्यर्थी राज्यगुरु गुप्ता को धोखाधड़ी और जालसाज़ी के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. राज्यगुरु गुप्ता बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला है.
दोनों दोस्तों ने एकसाथ 12वीं की परीक्षा पास की थी
उन्होंने बताया कि दोनों दोस्तों की उम्र 25 वर्ष के आसपास है और उन्होंने पहले 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी. वडोदरा के लक्ष्मीपुरा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, रेलवे ने ‘डी’ समूह की रिक्तियों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित कराने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी थी और यह परीक्षा लक्ष्मीपुरा इलाके की एक इमारत में 22 अगस्त को आयोजित हुई थी जिसमें 600 अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
धोखाधड़ी का शक होने के बाद कराया गया सत्यापन
वतोरिया ने बताया कि नकल को रोकने के लिए सभी अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापान किया गया था जिसके तहत एक उपकरण के जरिए उनके अंगूठे के निशान को आधार डेटा से मिलाया गया था. उन्होंने बताया कि कुमार नाम के अभ्यर्थी का सत्यापन बार-बार की कोशिश के बाद भी नहीं हुआ तो पर्यवेक्षक को शक हुआ और उन्होंने उसके हाथ पर सैनिटाइज़र छिड़का जिससे अंगूठे पर लगाई गई खाल निकल गई.
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