नई दिल्ली: कुशीनगर हादसे के बाद रेलवे ने गुरूवार को कहा कि 31 मार्च, 2020 तक सभी मानव रहित फाटकों को समाप्त कर दिया जाएगा. आज ही यूपी के कुशीनगर में एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक स्कूल वैन के ट्रेन से टकरा जाने से 13 बच्चों की मौत हो गई थी. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा कि रेलवे कोई भी कदम उठा ले, लेकिन लोगों की लापरवाही को नहीं रोका जा सकता है. उन्होंने लोगों से क्रासिंग पार करते समय सतर्क रहने का आग्रह किया है.


अधिकारियों ने कहा,‘‘हम सभी यूएमएलसी (मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग) को 2020 तक हटाने का प्रयास कर रहे हैं.’’लोहानी ने कहा कि जब तक यूएमएलसी को हटा नहीं दिया जाता तब तक लोगों को क्रासिंग पार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. रेलवे ऐसा कोई भी कदम नहीं उठा सकती जिससे लोगों की लापरवाही को रोकी जा सके.


अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने 2017-18 में 1,565 मानव रहित क्रॉसिंग को हटाया है और 2018-19 में ऐसे 1,600 क्रॉसिंग को हटाने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि इस तरह के क्रॉसिंग को हटाए जाने के बाद पिछले कुछ साल में मानव रहित क्रॉसिंग पर होने वाले हादसों में कमी आई है.


देश में 7701 मानवरहित फाटक हैं


बता दें कि ऐसे मानव रहित फाटकों की संख्या देश में करीब 7701 है. पिछले चार साल में ऐसी क्रॉसिंग की वजह से 220 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. 2017 में मोदी सरकार ने दो साल में ऐसे फाटकों को खत्म करने का एलान किया था. लेकिन इस साल अब तक ऐसे केवल 1252 फाटक ही हटाए गए हैं. सीएम ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख की राशि देने को भी कहा है.


2014-2015 में मानवरहित फाटकों पर इस तरह के 50 हादसे, 2015-2016 में 29 हादसे, 2016-2017 में 20 हादसे, 2017-2018 में 10 हादसे और इस साल एक हादसा हुआ है. अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने इस साल 31 मार्च तक व्यस्त स्टेशन पर इस तरह के क्रासिंग को सफलतापूर्वक हटाया है.