ट्रेन के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने उठाया ये बहुत बड़ा कदम
रेल के सफर को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रेलवे आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस से लैस एक ऐसा सिस्टम चाहता है जो चेहरा पहचानने वाली तकनीक से लैस हो.
ट्रेन से लाखों-करोड़ों लोग सफर करते हैं और अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. रेलवे को इसीलिए देश की बैकबोन कहा जाता है. रेल के सफर को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रेलवे आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस से लैस एक ऐसा सिस्टम चाहता है जो चेहरा पहचानने वाली तकनीक से लैस हो. यही नहीं इस सिस्टम वाले हजारों सीसीटीवी रेलवे स्टेशनों और ट्रेन के अंदर लगें ताकि आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को पहचाना जा सके.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है. रेलवे स्टेशनों और ट्रेन के भीतर आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस से लैस सीसीटीवी लगाना एक बड़ा कदम होगा. चेहरा पहचानने वाली तकनीक अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाएगी.
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उन्होंने कहा- सोमवार सुबह हमारी मीटिंग पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी (संसदीय स्थायी समिति) के साथ हुई. ये सुझाव दिया गया कि सीसीटीवी जो हैं वो एआई तकनीक वाले हों ताकि अपराधियों को पहचाना जा सके और उन्हें गिरफ्तार किया जा सके.
उन्होंने बताया कि इस साल रेलवे ने कमांडो बटालियन कोरस का भी गठन किया है जो आतंकवाद और नक्सलवाद का मुकाबला करेगी.
PAN को AADHAR से जोड़ने की समय सीमा बढ़ी, जानिए कब तक करा सकते हैं लिंक?यादव ने बताया कि रेलवे के पास 6100 से अधिक स्टेशन हैं. इस साल करीब 500 स्टेशनों पर सीसीटीवी लगे हैं. जहां तक बजट की बात है, हमें निर्भया फंड से 500 करोड़ मिले थे. ट्रेन के भीतर सीसीटीवी लगाने के लिए हमने रेलवे फंड से करीब 2000 करोड़ रखे हैं.
चेयरमैन ने कहा कि देश की ट्रेनों में करीब 58600 कोच हैं. रेलवे इन कोच के कॉरीडोर और दरवाजों के पास ये सीसीटीवी लगाएगा. मार्च 2022 तक रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाने के काम को पूरा कर लिया जाएगा. पहले फेज में 7020 कोच और 6100 स्टेशनों के लिए टेंडर किए गए. ये काम अगले साल हो जाएगा. बचे हुए कोच में मार्च 2022 तक सीसीटीवी लगाने का लक्ष्य रखा गया है.