रेलवे ने पूर्वी समर्पित मालवाहक गलियारे के सिग्नल एवं दूरसंचार कार्य के लिए एक चीनी कंपनी को दिया गया ठेका ‘काम की धीमी गति’ को लेकर शुक्रवार को रद्द कर दिया. यह कार्य कानपुर और मुगलसराय के बीच गलियारे के 417 किलोमीटर लंबे खंड पर किया जाना था. डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर कोरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने कहा, ‘‘ यह निरस्तीकरण पत्र आज जारी किया गया.’’
डीएफसीसीआईएल इस परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी है. सचान ने कहा कि बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एडं डिजायन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप को 14 दिन का नोटिस देने के बाद यह निरस्तीकरण पत्र जारी किया गया. इसी ग्रुप को 2016 में 471 करोड़ रूपये का यह ठेका दिया गया था.
अधिकारियों ने कहा था कि चीनी कंपनी को इस परियोजना से बाहर निकालने का काम जनवरी 2019 में शुरू हुआ था क्योंकि वह निर्धारित समयसीमा में काम नहीं कर पायी थी. उन्होंने कहा कि कंपनी तब तक महज 20फीसद ही काम कर पायी थी.
डीएफसीसीआईएल ने इस साल अप्रैल में विश्व बैंक को यह ठेका रद्द करने के अपने फैसले से अवगत कराया था. विश्व बैंक ही इस परियोजना के लिए वित्तपोषण कर रहा है.
सचान ने शुक्रवार को कहा, ‘‘ काम की धीमी गति के चलते हमने चीनी कंपनी को दिया गया ठेका रद्द कर दिया क्योंकि इस धीमी गति से हमारे कार्य में बहुत देरी हो गयी. हमें अब तक उनसे (विश्व बैंक से) से अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिला है लेकिन हमने उसे बता दिया कि हम ठेका रद्द कर रहे हैं और हम अपनी तरफ से इस काम के लिए धन देंगे.’’
यह ठेका ऐसे समय में निरस्त किया गया है जब भारत और चीन के रिश्ते में पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव आ गया.