बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के दावे को रेलवे ने खारिज कर दिया है. संबित पात्रा ने सोमवार को देहरादून स्टेशन के साइन बोर्ड की एक तस्वीर ट्वीट की थी. जिसमें देहरादून के नाम को संस्कृत में 'देहरादूनम्' लिखा हुआ दिखाया गया था. इसके साथ ही साइनबोर्ड पर उर्दू को छोड़कर हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में भी देहरादून का नाम दिख रहा था.


संबित पात्रा के ट्वीट पर रेलवे का जवाब


संबित पात्रा के एक ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए उसने कहा है कि देहरादून स्टेशन के साइनबोर्ड पर कोई संस्कृत नाम नहीं है. उसका दावा है कि साइनबोर्ड पर देहरादून का नाम पहले की तरह बरकरार है. उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में नाम अभी भी डिस्पले है. रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया गया है. आपको बता दें कि संबित पात्रा ने एक ट्ववीट शेयर किया था. जिसमें रेलवे के साइनबोर्ड को संस्कृत में देहरादूनम् लिखा हुआ दिखाया गया था. उसके नीचे अंग्रेजी और हिंदी में भी देहरादून का नाम लिखा हुआ था.





कहा-देहरादून का नाम पहले की तरह बरकरार

सोशल मीडिया पर पोस्ट सामने आने के बाद रेलवे के एक जोनल अधिकारी ने बताया, "देहरादून में यार्ड रिमॉडलिंग का काम चल रहा था. गलती से मजदूरों ने साइनबोर्ड के नाम को संस्कृत में लिखवा दिया. जब काम खत्म होने के बाद स्टेशन दोबारा शुरू हुआ तो इसे सुधार दिया गया. और नाम को पहले की ही तरह उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में लिख दिया गया." सूत्रों का कहना है कि उत्तर रेलवे ने देहरादून स्टेशन के साइनबोर्ड को संस्कृत में उर्दू की जगह पर करने की कोशिश की थी. इस सिलसिले में उत्तराखंड बीजेपी के एक विधायक ने 2019 में रेल मंत्रालय को रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत के साथ हिंदी और अंग्रेजी में लिखने की मांग की थी. जिसके बाद उत्तर रेलवे ने देहरादून जिला अधिकारी को पिछले साल आधिकारिक तौर पर चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार से इजाजत लेने को कहा था. मगर रेलवे को कोई जवाब नहीं मिला.


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