Railway Stations Redevelopment: रेलवे ने देश के 49 स्टेशनों के रिडेवलपमेंट का किया एलान | जानें लिस्ट में कौन-कौन शामिल
Railway Stations Redevelopment: रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के मुताबिक स्टेशन का पुनर्विकास आंतरिक रूप से शहरी विकास से जुड़ा हुआ है. इससे यात्रियों का यात्रा अनुभव बेहतर होगा.
Railway Stations Redevelopment: रेल मंत्रालय ने 49 रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट का फ़ैसला लिया है. ये काम रेल भूमि विकास प्राधिकरण यानी आरएलडीए को सौंपा गया है. इनमें से कुछ अमरावती, राजकोट, मथुरा, आगरा फ़ोर्ट, बीकानेर, कुरुक्षेत्र और भोपाल सहित अन्य स्टेशन हैं. आरएलडीए, पहले से ही भारत सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत आने वाले 60 रेलवे स्टेशनों का विकास कार्य कर रहा है. यानी अब कुल 109 रेलवे स्टेशनों का रिडेवलपमेंट होगा.
स्टेशन रिडेवलपमेंट से बढ़ेगा इलाक़े में रोज़गार
आरएलडीए के वाइस चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा, “ स्टेशन पुनर्विकास वस्तुत: आंतरिक रूप से शहरी विकास से जुड़ा हुआ है. इन स्टेशनों का पुनर्विकास यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा और उनका यात्रा अनुभव बेहतर होगा. इससे खुदरा, रियल एस्टेट और पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के कई गुना अवसर बनेंगे. एक जिम्मेदार संघठन के रूप में, नए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करते हुये रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) निर्धारित समयानुसार पुनर्निर्मित स्टेशनों को देश की जनता को सौपनें के लिए प्रतिबद्ध है.“
इन रेलवे स्टेशनों को रिडेवलपमेंट के लिए चुना गया है
- मेरठ सिटी (एनआर, उत्तर प्रदेश )
- मुरादाबाद (एनआर, उत्तर प्रदेश )
- दीन दयाल उपाध्याय ( मुगल सराय )
- गोरखपुर (एनईआर, उत्तर प्रदेश )
- अलीगढ़ (एनसीआर, उत्तर प्रदेश )
- गोंडा (एनईआर, उत्तर प्रदेश )
- मथुरा (एनसीआर, उत्तर प्रदेश )
- आगरा फ़ोर्ट (एनसीआर, उत्तर प्रदेश)
- बरेली (एनआर, उत्तर प्रदेश)
- जामनगर (डब्ल्यूआर, गुजरात)
- भावनगर (डब्ल्यूआर, गुजरात)
- गांधीधाम (डब्ल्यूआर, गुजरात)
- जूनागढ़ (डब्ल्यूआर, गुजरात)
- राजकोट डब्ल्यूआर गुजरात
- भोपाल डब्ल्यूसीआर मध्य प्रदेश
- बीना डब्ल्यूसीआर मध्य प्रदेश
- झांसी डब्ल्यूसीआर मध्य प्रदेश
- उज्जैन डब्ल्यूआर मध्य प्रदेश
- ब्यास एनआर पंजाब
- जालंधर सिटी एनआर पंजाब
- भटिंडा जं. एनआर पंजाब
- नया पठानकोट ( चक्की बैंक ) एनआर पंजाब
- साईनगर सिरडी सीआर महाराष्ट्र
- नांदेड़ एससीआर महाराष्ट्र
- अमरावती सीआर महाराष्ट्र
- अकोला सीआर महाराष्ट्र
- छपरा एनईआर बिहार
- सितामढ़ी ईसीआर बिहार
- बरौनी ईसीआर बिहार
- दरभंगा ईसीआर बिहार
- धनबाद ईसीआर झारखंड
- टाटानगर एसईआर झारखंड
- जसीडीह ईआर झारखंड
- तिरुनेलवेल्ली एसआर तमिलनाडु
- चेन्नई सेंट्रल एसआर तमिलनाडु
- बेगमपेट एससीआर तेलंगाना
- काचीगुड़ा एससीआर तेलंगाना
- गुडूर एससीआर आंध्रप्रदेश
- राजमन्ड्री एससीआर आंध्रप्रदेश
- बंडेल ईआर पश्चिम बंगाल
- न्यू कूच बिहार एनएफआर पश्चिम बंगाल 42. बीकानेर एनडब्ल्यूआर राजस्थान
- जोधपुर एनडब्ल्यूआर राजस्थान
- पालमपुर एनआर हिमाचल प्रदेश
- सिलचर एनएफआर असम
- कुरुक्षेत्र एनआर हरियाणा
- वास्को-द-गामा एसडब्ल्यूआर गोवा
- मैसूर एसडब्ल्यूआर कर्नाटक
- हरिद्वार एनआर उत्तराखंड
पीपीपी मॉडल पर होगा रिडेवलपमेंट
आरएलडीए ने हाल ही में पुरी और लखनऊ रेलवे स्टेशनों के लिए पुनर्विकास प्रक्रिया में भाग लेने के लिए योग्य डेवलपर्स से बोलियां आमंत्रित करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफ़िकेशन ( आरएफक्यू ) की प्रक्रिया पूरी की है. परियोजनाओं को डेवलपर्स और निवेशकों से समान रूप से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है. इसके अलावा, देहरादून, नेल्लोर, तिरुपति, पुडुचेरी, एर्नाकुलम और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए, आरएफक्यू को अंतिम रूप दिया गया है और जल्द ही आरएफपी जारी किए जाएंगे. इन सभी स्टेशन परियोजनाओं का सरकारी निजी कंपनी भागीदारी ( पीपीपी ) मॉडल के तहत पुनर्विकास किया जाएगा.
आरएलडीए के पास चार मैंडेट हैं
रेल भूमि विकास प्राधिकरण ( आरएलडीए ) रेलवे भूमि के डेवलपमेंट के लिए रेल मंत्रालय के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण है. विकास योजना के तहत आरएलडीए के पास चार प्रमुख मैंडेट हैं- 1. कॉमर्शियल जगहों को पट्टे पर देना 2. कॉलोनी पुनर्विकास, 3. स्टेशन पुनर्विकास और 4. मल्टीपरपज़ कैम्पस बनाना
रेलवे की वो ख़ाली पड़ी ज़मीनें जिन पर अब विकास होगा
भारतीय रेलवे के पास पूरे भारत में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है। साथ ही, आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी पुनर्विकास परियोजनाओं को संभाल रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी में एक रेलवे कॉलोनी को लीज पर दिया है. आरएलडीए के पास लीज पर देने के लिए देश भर में 100 कमर्शियल (ग्रीनफ़ील्ड) साइटें हैं और प्रत्येक के लिए पात्र डेवलपर्स को एक खुली और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा.
कुल 172 रेलवे स्टेशनों का हो रहा है कायाकल्प
आरएलडीए वर्तमान में 109 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक कंपनी, आईआरएसडीसी अन्य 63 स्टेशनों पर कार्य कर रही है. पहले चरण में, आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर, कटक और पुडुचेरी जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है. भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा.