कोरोना: रेलवे ने TTE के लिए जारी किए दिशा निर्देश, इतिहास में पहली बार टाई-कोट पहनना जरूरी नहीं
167 साल के इतिहास में पहली बार रेलवे का टिकट चेकिंग स्टाफ काले कोट और टाई में दिखाई नहीं देगा. मैग्निफाइंग ग्लास से यात्रियों के टिकट की जांच होगी.
नई दिल्ली: रेलवे ने एक जून से शुरू होने वाली 100 जोड़ी ट्रेनों में टिकट जांच करने वाले कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. 167 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब रेलवे ने ट्रेन में सवार टिकट जांच कर्मचारी टीटीई के टाई और कोट पहनने अनिवार्यता खत्म कर दी. टीटीई को आतिशी शीशा (मैग्निफाइंग ग्लास) दिया जाएगा ताकि वह दूर से ही टिकटों की जांच कर सकें और शारीरिक संपर्क से बच सकें.
ट्रेनों में टिकटों की जांच करने वाले टीटीई कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें मास्क, फेस शील्ड, दस्ताने, सिर ढंकने का कवर, सेनिटाइजर, साबुन समेत अन्य चीजें मुहैया करायी जाएंगी.
1 जून से चलेंगी 100 जोड़ी ट्रेनें कोरोना संकट के बीच 1 जून से देश भर में 100 जोड़ी ट्रेनें चलनी शुरू होंगी. यानी आने और जाने वाली कुल 200 ट्रेनें चलेंगी. आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ऑनलाइन टिकट बुकिंग पहले ही शुरू हो गई है. ये ट्रेनें स्पेशल ट्रेनें ही कहलाएंगी लेकिन इन ट्रेनों में एसी, नॉन-एसी और जनरल कोच भी मौजूद होंगे. खास बात ये है कि इनके जनरल कोच के टिकट भी रिजरवर्ड टिकट होंगे. यानी जनरल कोच में भी सीटें पहले से आरक्षित होंगी.
यात्रियों को सफर के दौरान ट्रेनों में मास्क लगाना और मोबाइल में आरोग्य सेतु एप रखना अनिवार्य है. यात्रियों को स्टेशन ट्रेन चलने के समय से डेढ़ घंटे पहले पहुंचना होगा. केवल एसिम्प्टोमैटिक यात्री ही यात्रा कर सकेंगे. जिन्हें कोरोना लक्षणों के कारण यात्रा से रोका जाएगा उसके टिकट का पूरा पैसा वापस होगा. यात्रियों को चाहिए कि आवश्यकता होने पर अपने साथ एक चादर जरूर ले जाए क्योंकि ट्रेन में कम्बल, चादर और बेडिंग आदि की सुविधा नहीं होगी.
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