Agneepath Protest: अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए आंदोलन से रेलवे को हुआ 259.44 करोड़ का नुक़सान
Ashwini Vaishnaw: राज्यसभा में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिखित सवालों का जवाब दिया. रेलमंत्री ने बताया कि ग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ हुए आंदोलन से रेलवे को 259.44 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ.
Agneepath Scheme Protest: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में शुक्रवार को राज्यसभा सांसदों के कई सवालों के जवाब दिए. इनमें कई सवाल केंद्र सरकार (Central Government) की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme)के ख़िलाफ़ हुए आंदोलन से सम्बंधित थे. शुक्रवार को इन सवालों का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने सदन को बताया कि अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन से रेलवे को 259.44 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है. इस आंदोलन के दौरान 15 जून से 23 जून के बीच 2132 ट्रेनें रद्द की गईं. फ़िलहाल आंदोलन से प्रभावित सभी ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं.
रद्द ट्रेनों के कारण यात्रियों को लौटाने पड़े 102.96 करोड़ रुपये
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि अग्निपथ आंदोलन (Agnipath scheme) के चलते जिन ट्रेनों को रद्द किया गया उनके यात्रियों को उनके टिकट का पूरा पैसा वापस कर दिया गया है जिसकी कुल राशि 102.96 करोड़ रुपये है. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने सदन को बताया कि संवैधानिक नियमों के अनुसार खड़ी या चलती ट्रेनों पर होने होने वाले हमलों की ज़िम्मेदारी हमेशा ही सम्बंधित राज्य की होती है क्योंकि लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है.
अग्निपथ आंदोलन के दौरान हुई थी 2 लोगों की मौत, 35 घायल
बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ अग्निपथ स्कीम के ख़िलाफ़ हुए आंदोलन के दौरान 2 लोगों की मौत हो गई थी और 35 लोग घायल हो गए थे. आंदोलन के दौरान रेलवे परिसर से कुल 2,642 उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया गया था. सेना भर्ती की इस नई योजना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान बिहार और तेलंगाना राज्य में हुआ था.
देश भर में हुआ था अग्निपथ स्कीम के ख़िलाफ़ आंदोलन
आपको याद दिला दें कि पिछले महीने ही भारतीय सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ स्कीम के बारे में युवा उम्मीदवारों को जैसे ही पता चला कि इस स्कीम के माध्यम से उन्हें महज़ 4 साल की ही नौकरी मिलेगी तो उनका ग़ुस्सा सड़क और रेल पटरियों पर फूट पड़ा था. इस ग़ुस्से ने एक आंदोलन का रूप अख़्तियार कर लिया और देखते ही देखते कई जलती ट्रेनों के भयावह दृश्य देश के सामने आ गए थे. इस आंदोलन से आम यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा था.
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