नई दिल्ली: दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर 160 की स्पीड से ट्रेन चलाने के लिए रेलवे 18000 करोड़ रुपये की परियोजना जल्द ही शुरु करेगा. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि रेलवे बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाएगा और जल्द ही परियोजना शुरु होगी.


यादव ने अंतरराष्ट्रीय रेल सम्मेलन-2019 और 13वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद कहा कि परियोजना को शुरू होने के बाद उसे पूरा होने में चार साल लगेंगे. भारतीय उद्योग परिसंघ ने एयरोसिटी में रेलवे के साथ मिलकर इन दोनों कार्यक्रमों को आयोजित किया है.


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रेलवे का लक्ष्य दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा और मुंबई-अहमदाबाद मार्ग की वर्तमान बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 320 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उच्च गति ट्रेनें चलाना है.


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फिलहाल विभिन्न मार्गों पर ट्रेनों की अधिकतम औसत गति 99 किलोमीटर प्रति घंटा है. हालांकि हाल ही में शुरु की गई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस 104 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती है.


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रेल मंत्रालय के अनुसार 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए बुनियादी ढांचों को उन्नत करना होगा जिसके तहत बाड़ लगाना, ट्रैक और सिग्नल प्रणाली को अद्यतन करना, मानवरहित फाटकों को हटाना आदि शामिल है.


यादव ने कहा कि रेलवे ‘बदलाव के दौर’ से गुजर रहा है और वह ‘आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है.’ उन्होंने कहा कि उसके तहत 68,000 किलोमीटर ब्रॉड गेज मार्ग का अगले तीन सालों में विद्युतीकरण किया जाएगा.