नई दिल्ली: रेलवे राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों के सफर को झटकों से मुक्त बनाने और सुरक्षा में सुधार के लिए उनके करीब 3500 डिब्बों के कपलर बदलेगा. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, डिब्बों में लगे मौजूदा सेंटर बफर कपलर (सीबीसी) को बदलने में हर कोच पर पांच लाख रूपये की लागत आएगी. राजधानी ट्रेनों के बाद शताब्दी, दुरंतो और दूसरी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में भी नए सीबीसी लगाए जाएंगे.


कपलर एक इंस्ट्रूमेंट होता है, जो ट्रेन के डिब्बों को एक दूसरे से जोड़ता है


मौजूदा सीबीसी को नए डिजाइन वाले सीबीसी से बदला जाएगा जिनमें झटकों को सहने की ज्यादा क्षमता होगी. अधिकारी ने कहा, ‘‘मौजूदा सीबीसी में झटकों को सहने की क्षमता कम है जिसके कारण यात्रियों को कई बार सफर के दौरान झटके महसूस होते हैं.’’ कपलर वह इंस्ट्रूमेंट होता है जो ट्रेन के डिब्बों को एक दूसरे से जोड़ता है. जो उपकरण कंपलिंग को रेल के डिब्बों से जोड़ता है उसे ड्राफ्ट गियर कहते हैं.


कपलर बदलने के बाद क्या होंगे फायदे


अधिकारी ने बताया कि नई डिजाइन वाला सीबीसी संतुलित ड्राफ्ट गियर से युक्त है जिसमें झटकों को सहने की क्षमता कहीं ज्यादा है. नया सीबीसी इसके अलावा एक सुरक्षा उपाय के तौर पर भी काम करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘नये सीबीसी एक दूसरे पर नहीं चढ़ने वाले टेक्नॉलजी से युक्त हैं. जिससे ट्रेनों के पटरी से उतरने या हादसे के वक्त कोचों को पलटने या एक दूसरे पर चढ़ने से रोका जा सकेगा.’’ हादसों के दौरान कोचों के पलटने से जानमाल का अधिकतम नुकसान होता है.


अधिकारी ने कहा, ‘‘नया सीबीसी राजधानी के कुछ डिब्बों में लगाया भी जा चुका है और इसके नतीजे शानदार हैं.’’