Railway Minister In Rajyasabha: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे में बुनियादी ढांचे में सुधार राज्यसभा में बड़ा बयान दिया है. उच्च सदन में एक लिखित सवाल के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे पहाड़ी इलाकों के हेरिटेज रूट पर हाइड्रोजन ईधन से चलने वाली ट्रेनें चलाने पर विचार कर रहा है.


उन्होंने आगे कहा कि उनके पायलट प्रोजेक्ट में अभी तक कुल 39 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने का विचार किया गया है. रेल मंत्री ने कहा कि प्रत्येक हाइड्रोजन ट्रेन 80 करोड़ में बनेगी जबकि प्रत्येक रूट पर ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर पर 70 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. सभी हाइड्रोजन ट्रेनें हिल रूट पर चलाई जाएंगी.


'शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट'
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डेमू ट्रेनों में रेट्रो फिटमेंट ऑफ हाइड्रोजन फ्यूल सेल लगाने के लिए 111.83 करोड़ का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. ये पायलट प्रोजेक्ट हाइड्रोजन ट्रेन नॉर्दन रेलवे के जींद-सोनीपत सेक्शन पर चलाई जाएगी. इस ट्रेन का फील्ड ट्रायल 2023-24 में संभावित है.   


फिलहाल हाइड्रोजन ट्रेनों की रनिंग कॉस्ट पारंपरिक ट्रेनों से अधिक होगी लेकिन ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ ही ये कॉस्ट कम हो जाएगी. रेलवे के  जीरो कार्बन एमिशन की दिशा में ये ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी बेहद कारगर साबित होगी.


'टिकट बुक करने की क्षमता बढ़ाएगा रेलवे'
भारतीय रेलवे टिकट जारी करने की क्षमता प्रतिमिनट 25,000 से बढ़ाकर 2.25 लाख करने, और पूछताछ की क्षमता प्रति मिनट चार लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने की योजना बना रहा है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 7,000 किलोमीटर की नई रेल पटरी बिछाने का भी टारगेट सेट तय किया गया है.


उन्होंने कहा कि हमारी योजना ट्रेन रिजर्वेशन सिस्टम को और बेहतर बनाने की है.  उन्होंने देश के 2,000 रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे खुले रहने वाले जन सुविधा स्टोर शुरू करने की घोषणा की है.


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